— शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य ने किया पुनौरा का दौरा– कुणाल से मिल कर दिव्य स्थल के विकास की करेंगे मांगसीतामढ़ी : शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य संजय स्वामी व बहन कमला बुधवार को जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम का भ्रमण किया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भगवती राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी ललितेश्वर जगत की रचना के लिए सरस्वती, लक्ष्मी व पार्वती के रुप में अवतरित हुई थी, परंतु शक्ति विहीन थी. इसलिए जगत की स्थापना के लिए त्रिपुर सुंदरी तीन दिशाओं में विभक्त हुई. तब नव दुर्गा का रुप ली, फिर भी शक्ति विहीन रही. फिर 10 महा विद्या का रुप लिया. यह रुप काली, तारा, सोडसी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्तिका, त्रिपुर भैरवी, धुमावती, बगला मुखी, मातंगी व कमला माता का है. इस 10 महा विद्या का मुख्य रुप त्रिपुर सुंदरी है. यही श्रीकृष्ण का अवतार है. इनकी सेविका के रुप में भगवती स्त्री रूपा माता 64 योगिनी माता के रुप में स्थापित है. इस तरह भगवती के 106 रुप है. कहा कि भगवती जहां भी पूर्ण रूप से स्थापित होगी, वहीं साधना पूर्ण होगी. माता अंबे मानव शरीर में जानकी के रुप में प्राकट्य ली. अत: यहां भगवती के 105 सहचरी का अन्य रूपों में स्थापित होना चाहिए. जिससे यह स्थान पूर्णता को प्राप्त होगा. तभी साधक का साधना पूर्ण होंगे. उन्होंने कहा कि पुनौरा के विकास के लिए वे धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष किशोर कुणाल से मिलेंगे एवं इस दिव्य स्थल के विकास की मांग करेंगे. मौके पर महंत कौशल किशोर दास, विश्वदेव सहाय, अरविंद तिवारी समेत अन्य लोग उपस्थित थे.
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त्रिपुर सुंदरी श्रीकृष्ण का अवतार है : संजय स्वामी
— शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य ने किया पुनौरा का दौरा– कुणाल से मिल कर दिव्य स्थल के विकास की करेंगे मांगसीतामढ़ी : शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य संजय स्वामी व बहन कमला बुधवार को जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम का भ्रमण किया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भगवती राज राजेश्वरी […]
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