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प्रमाणपत्र अवैध व नियोजन वैध

नियोजन इकाई की लापरवाही का लाभ मिला तीनों अभ्यर्थियों को प्रस्तुत कागजात को यदि सही नहीं माना जा रहा था, तो भी रद्द के संबंध में जांच-पड़ताल करना व वरीय को तथ्यों से अवगत करा कर मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए था. जल्दीबाजी में निर्णय लेकर नियोजन रद्द करने का आदेश दिया गया, जो मेरे विचार […]

नियोजन इकाई की लापरवाही का लाभ मिला तीनों अभ्यर्थियों को

प्रस्तुत कागजात को यदि सही नहीं माना जा रहा था, तो भी रद्द के संबंध में जांच-पड़ताल करना व वरीय को तथ्यों से अवगत करा कर मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए था. जल्दीबाजी में निर्णय लेकर नियोजन रद्द करने का आदेश दिया गया, जो मेरे विचार से सत्य और उचित प्रतीत नहीं होता. (प्राधिकार के फैसले का अंश)

सीतामढ़ीः बीएड का प्रमाणपत्र अवैध घोषित किये जाने के बावजूद तीन शिक्षकों की गयी नौकरी फिर लौट आयी है. अपीलीय प्राधिकार, जिला शिक्षक नियोजन के एक फैसले से तीनों शिक्षकों की फिर बहाली होने वाली है. उक्त फैसले से हर कोई हतप्रभ है. शिक्षा विभाग के भी अधिकारी सोच में पड़ गये हैं, पर प्राधिकार का फैसला होने के चलते कोई टिप्पणी करने से बच रहे हैं. बहरहाल, अब यह देखना है कि प्राधिकार के फैसले के खिलाफ नियोजन इकाई अपील में जाती है अथवा नहीं.

अब लोगों की नजर शिक्षा विभाग पर भी टिकी हुई है कि विभाग कौन सा कदम उठाता है.

क्या है मामला

परिहार प्रखंड के मध्य विद्यालय महादेव पट्टी के शिक्षक रहे नागेंद्र राय, मध्य विद्यालय विष्णुपुर के शिक्षक रहे विनय कुमार व मध्य विद्यालय अधखनी के शिक्षक रहे रत्नेश कुमार का नियोजन 31 मार्च 12 को रद्द कर दिया गया. बीडीओ ने 18 दिसंबर 10 को तीनों का नियोजन किया था. तीनों का बीएड का प्रशिक्षण प्रमाणपत्र बैहटा चड़ियाली कामरूप, आसाम से निर्गत हैं. मानव संसाधन विकास विभाग ने उक्त प्रमाणपत्र को अवैध माना है. सरकार से रिपोर्ट मिलने के बाद बीइओ ने तीनों शिक्षकों का नियोजन रद्दकर दिया. हालांकि, तीनों से स्पष्टीकरण भी पूछा गया था. जवाब नहीं देने पर नियोजन रद्द करने की कार्रवाई की गयी थी.

तीनों अभ्यर्थियों की दलील

तीनों ने प्राधिकार में वाद दायर किया. प्राधिकार को बताया कि एनसीटीइ के स्तर से जारी संस्थानों की सूची में असम की उक्त संस्थान का नाम क्रम संख्या 24 पर है. इसे राष्ट्रीय शिक्षा परिषद से भी मान्यता मिल चुकी है. अभ्यर्थियों ने यह दलील दी कि उनकी बातों को नियोजन इकाई ने नहीं माना और कार्रवाई कर दी.

नियोजन इकाई की लापरवाही

फैसले में प्राधिकार के सदस्य ठाकुर प्रसाद सिंह ने कहा है कि प्रखंड नियोजन इकाई द्वारा सुनवाई के दौरान ऐसी कोई सूची उपलब्ध नहीं करायी गयी, जिसमें यह उल्लेख हो कि मानव संसाधन विकास विभाग बीएड की उक्त डिग्री को अमान्य बताया हो. नियोजन इकाई ने पूरी जांच-पड़ताल किये बगैर जल्दबाजी में निर्णय ली. सदस्य श्री सिंह ने नियोजन इकाई को उक्त तीनों शिक्षकों की फिर से नियुक्ति करने व मानदेय भुगतान करने का आदेश दिया है.
(अमरेंद्र कुमार)

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