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जिले के किसी पीएचसी में एंटी रैबिज वैक्सीन नहीं

सीतामढ़ी : सदर अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है. इतना ही नहीं, किसी पीएचसी में भी यह वैक्सीन नहीं है. फलत: अब स्थिति दिन व दिन काफी गंभीर होती जा रही है. दवा नहीं होने से मरीजों व उनके परिजनों में विभाग के प्रति आक्रोश की भावना पनप रही है. गत दिन सदर अस्पताल […]

सीतामढ़ी : सदर अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है. इतना ही नहीं, किसी पीएचसी में भी यह वैक्सीन नहीं है. फलत: अब स्थिति दिन व दिन काफी गंभीर होती जा रही है. दवा नहीं होने से मरीजों व उनके परिजनों में विभाग के प्रति आक्रोश की भावना पनप रही है. गत दिन सदर अस्पताल में कुत्ते के काटने से प्रभावित करीब 40 मरीज एक साथ आये थे. दवा नहीं रहने पर मरीजों व उनके परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया था. प्रबंधन को काफी समझा-बुझा कर इन लोगों को शांत करना पड़ा था.
निजी क्लिनिक में इलाज
पीएचसी से मरीजों को सदर अस्पताल रेफर कर दिया जा रहा है. वहां से यह सोच कर परिजन मरीज को सदर अस्पताल में लाते हैं कि एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध होगा, पर यहां भी जब वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने की बात सुनते हैं तो निराश हो जाते हैं. परिजन स्वास्थ्य विभाग को कोसते हुए निजी क्लिनिक में इलाज कराने चले जा रहे हैं.
मरीजों का आर्थिक शोषण
सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सा कराने में मरीज को कोई खर्च नहीं लगता है. वहीं, दुकान से वैक्सीन खरीदने पर कम से कम 800 से 900 रुपये खर्च पड़ जाता है. बताया गया है कि एक वैक्सीन की कीमत 250 रुपये से 300 रुपये है. एक मरीज को तीन सूई पड़ता है, पर जब अस्पताल व पीएचसी में दवा कम होती गयी तो मरीजों को भी तीन के बजाय एक व दो सूई हीं दिया जाने लगा. यह बात अलग है कि एक-दो सूई लेने वाले मरीज ठीक हो गये.

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