सीतामढ़ी : नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार जारी बारिश के बीच शुक्रवार को इलाके में हुई तेज बारिश के बाद जिले में एक बार फिर बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया है.
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बागमती फिर खतरे के ऊपर
सीतामढ़ी : नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार जारी बारिश के बीच शुक्रवार को इलाके में हुई तेज बारिश के बाद जिले में एक बार फिर बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया है. वहीं बागमती नदी तमाम इलाकों में खतरे के निशान को पार कर गयी है. पानी के दबाव के चलते रून्नीसैदपुर प्रखंड […]
वहीं बागमती नदी तमाम इलाकों में खतरे के निशान को पार कर गयी है. पानी के दबाव के चलते रून्नीसैदपुर प्रखंड के भादाडीह में निर्मित बांध एक बार फिर टूट गया है. इसके चलते कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. बाढ़ का पानी लगातार नये इलाकों में फैल रहा है. इससे लोगों में दहशत है. लोग गांव छोड़ कर अन्यत्र पलायन कर रहे है. उधर, बोखड़ा प्रखंड के पतनुका गांव में पतनुका वार्ड 4 निवासी गफार साह के पुत्र सोनू साह 15 वर्ष की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गयी है.
इसी बीच बारिश ने बाढ़ पीड़ितों की परेशानी बढ़ा दी है. बाढ़ के चलते एक बार फिर रून्नीसैदपुर की स्थिति गंभीर हो गयी है. रून्नीसैदपुर व बेलसंड में बाढ़ के पानी के चलते सैकड़ों लोग हाइवे पर रहने को विवश है. बैरगनिया के कई गांवों में अब भी बाढ़ का पानी बरकरार है. ढेंग में रेलवे ट्रैक के बाढ़ के पानी में बह जाने के कारण लगातार 20 वें दिन भी ढेंग-रक्सौल के बीच ट्रेन परिचालन बाधित रहा. वहीं बैरगनिया का पूर्वी चंपारण जिले से सड़क संपर्क भी भंग रहा. इधर, प्रशासनिक रोक के बावजूद बैरगनिया के फुलवरिया घाट पर नावों का परिचालन जारी है. कुल मिला कर एक ओर जहां बारिश ने सितम ढ़ाना शुरू कर दिया है, वहीं बारिश के चलते इलाका एक बार फिर बाढ़ की गिरफ्त में आता नजर आ रहा है.
आसमान से बरसी आफत की बारिश: सीतामढ़ी जिले में शुक्रवार को हुई बारिश बाढ़ पीड़ितों के लिए आफत की बारिश साबित हुई है. बारिश के चलते जहां एक बार फिर बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया है, वहीं हाइवे व बांध पर शरण लिए लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. शुक्रवार को बारिश ने बाढ़ पीड़ितों का आशियाना उजाड़ दिया है. लोग एक बार फिर आसरा विहीन होकर रह गए है.
उधर, बाढ़ के 20 वें दिन इलाके में बाढ़ ने फिर से दस्तक दे दी है. रून्नीसैदपुर के भादाडीह में बांध टूटने के बाद कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. रून्नीसैदपुर के दर्जनों गांव जलमग्न है. खेतों में पानी लगा है. इधर, बारिश व बांध टूटने के बाद इलाके में बाढ़ का कहर तेज हो गया है. बैरगनिया व बोखड़ा के कुछ इलाकों में भी यहीं तस्वीर है. रीगा के कई गांवों में बाढ़ का असर बरकरार है. बैरगनिया की सड़कें व रेल ट्रैक ध्वस्त है. अब भी बड़ी आबादी रेलवे लाइन, बांध व हाइवे पर जिंदगी गुजार रहीं है. लोग गांव-घर से पानी निकलने व घर वापसी का इंतजार कर हीं रहे थे की बारिश व नदियों के उफान ने जिंदगी व मौत के बीच के संघर्ष की मियाद बढ़ा दी है.
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