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नेताओं ने दी नीतीश कुमार को युग पुरुष की संज्ञा

कांग्रेस, राजद व भाजपा जिला कार्यालय रहे बंद सीतामढ़ी : सीएम पद से नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद जिले की राजनीति में भूचाल आ गया है. भूचाल भी इस तरह का पूरी तरह सन्नाटा पसर हुआ है. वर्तमान राजनीति में चले रहे उठा-पटक के बीच नीतीश के इस त्याग से जात-पात व धर्म-संप्रदाय से […]

कांग्रेस, राजद व भाजपा जिला कार्यालय रहे बंद

सीतामढ़ी : सीएम पद से नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद जिले की राजनीति में भूचाल आ गया है. भूचाल भी इस तरह का पूरी तरह सन्नाटा पसर हुआ है. वर्तमान राजनीति में चले रहे उठा-पटक के बीच नीतीश के इस त्याग से जात-पात व धर्म-संप्रदाय से ऊपर उठ कर सोचने वाले लोग उन्हें युग पुरुष की संज्ञा दे रहे हैं.
खासतौर पर जदयू, बीजेपी व बुद्धिजीवियों का कहना है कि अपने जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर नीतीश ने साबित कर दिया है कि वे बिहार से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. वहीं कांग्रेस व राजद नेताओं का कहना है कि पूर्व सुनियोजित योजना के तहत नीतीश ने इस्तीफा दिया हैं. महागठबंधन के साथ नीतीश ने धोखा दिया हैं.
जिला कार्यालयों पर पसरा रहा सन्नाटा: नीतीश के इस्तीफा के बाद राजनीतिक सरगरमी तेज हो गयी है. कद्दावर नेताओं का रूख जहां पटना की ओर हो गया, वहीं छोटे-बड़े नेता एक-दूसरे से मोबाइल पर जुड़ गये. राजद, भाजपा व कांग्रेस कार्यालय में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा. वहीं जदयू कार्यालय में जिलाध्यक्ष ज्याउद्दीन खां अपने कुछ साथियों के साथ विचार-विमर्श करते मिले. जिलाध्यक्ष ज्याउद्दीन के चेहरे पर संतोष व राहत के भाव झलक रहे थे, वहीं राजद जिलाध्यक्ष शफीक खां के चेहरे पर नीतीश के प्रति धोखा को लेकर तनाव झलक रहा था. श्री खां अपने घर पर पार्टी नेताओं के साथ मोबाइल पर बातचीत में मशगूल थे.
शफीक खां, राजद जिलाध्यक्ष : बीजीपी के साथ जाने का मन नीतीश कुमार पहले बना चुके थे. बहाना तलाश रहे थे. स्पष्ट प्रमाण है कि नोटबंदी, जीएसटी व राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने बीजेपी का साथ दिया. पहले परदे के पीछे से ड्रामा कर रहे थे, अब इस्तीफा देकर सामने आ गये हैं. बिहार की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी.
सुबोध कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष : नीतीश कुमार का यह कदम स्वागत योग्य है. यह तो होना हीं था. बेमेल की जोड़ी आखिर कब तक चलती. नीतीश कुमार की छवि अच्छी रही है. उन्होंने भ्रष्टाचारियों के साथ गठबंधन कर रखा था, जिसका नतीजा यही निकलना था. सच्चाई यही है कि नीतीश कुमार, लालू प्रसाद के साथ गठबंधन करके कभी भी अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे. लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती जा रही थी.
विमल शुक्ला, कांग्रेस जिलाध्यक्ष : भाजपा व आरएसएस द्वारा बिहार के महागठबंधन सरकार को साजिश के तहत अस्थिर किया गया है. आनेवाले समय में भाजपा व आरएसएस को बिहार में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. जनता सब कुछ देख रही है. आने वाले समय में बिहार में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगा. नीतीश कुमार के इस निर्णय से उनकी पार्टी व बिहार की जनता का नुकसान होगा.
राहुल कुमार सिंह, युवा जदयू जिलाध्यक्ष : लंबे समय तक मुख्यमंत्री की कुरसी संभालने वाले नीतीश कुमार की जीरो टॉलरेंस की नीति रही है. उन्होंने अंतरआत्मा की आवाज पर इस्तीफा देने का फैसला लिया है. नीतीश कुमार सबकुछ बर्दास्त कर सकते हैं, लेकिन भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं कर सकते.
उन्होंने राजनीतिक स्वच्छता का परिचय देते हुए इस्तीफा देने का निर्णय लिया है. कार्यकर्ता उनके हर फैसले के साथ खड़ा है. नीतीश कुमार इसी छवि को लेकर बिहार के आम जनों के दिलों पर राज करते हैं.
ज्याउद्दीन खां, जदयू जिलाध्यक्ष : नीतीश कुमार ने 20 महीना तक महागंठबंधन के साथ बिहार की जनता की खिदमत की हैं. हाल के दिनों में जिस तरह महागंठबंधन के कारण नीतीश के जीरो टॉलरेंस के नीति पर दाग लग रहा था, वैसे में महागठबंधन की ओर से उनके छवि को स्वच्छ रखने का कोई प्रयास नहीं किया गया.
दिलीप कुमार, विधान पार्षद (राजद) : नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर यह साबित कर दिया है कि ‘कोई ऐसा सगा नहीं, जिसे नीतीश ने ठगा नही’. नीतीश ने महागठबंधन के साथ धोखा किया हैं. बिहार की जनता उन्हें ऐसा सबक सिखायेगी, कि उनका राजनीतिक अस्तित्व समाप्त हो जायेगा.
रून्नीसैदपुर. मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के द्वारा पद से इस्तीफा देने का रून्नीसैदपुर विधान सभा के प्रत्याशी रहे रालोसपा के प्रदेश महासचिव पंकज कुमार मिश्रा ने स्वागत किया है.
अरूण कुमार सिंह, लोक अभियोजक : नीतीश कुमार ने जीरो टॉलरेंस की नीति के लिए जिस तरह भ्रष्टाचार पर लात मार कर सीएम पद से इस्तीफा दिया है, वह स्वागत योग्य हैं. जितनी प्रशंसा की जाये कम हैं. उन्होंने राजनीति अस्मिता को एक नई ऊर्जा दी हैं. भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने जीरो टॉलरेंस की नीति को सत्यापित किया है. जिस तरह भ्रष्टाचार को लेकर नये-नये मामले सामने आ रहे थे, उस कारण नीतीश भी अंदर हीं अंदर घुट रहे थे.
कैलाश हिसारिया, अध्यक्ष चैंबर ऑफ कॉमर्स : नीतीश की छवि हमेशा अच्छी रही हैं. भ्रष्टाचार से उन्होंने कभी समझौता नही किया. वे 21 महीना से घुट-घुट कर जी रहे थे. जनता सारा ड्रामा देख रही थी. इस्तीफा देने के बाद लालू की नजर में नीतीश हत्यारा भी साबित हो रहे हैं. व्यवसायी संगठन को पूरा भरोसा हैं कि अब नीतीश कुमार कोई भी फैसला बिहार के हित में लेंगे.
वैद्यनाथ प्रसाद पूर्व विधान पार्षद (भाजपा) : भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के अपने घोषित नीति को नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर साबित कर दिया हैं. 1995 में बाजपेयी के साथ संस्कारित होकर एनडीए पार्ट बने नीतीश ने संकल्प लिया था कि वे हमेशा भ्रष्टाचार पर हमला करते हुए सुशासन की सरकार चलायेंगे. आज देश के पीएम ने जिस तरह से भ्रष्टाचार पर हमला किया है, उस पर नीतीश का साथ होना.

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