परसा : बाजितपुर हाइस्कूल को इंटर कॉलेज का दर्जा देने का प्रस्ताव नौ वर्षों से अधर में लटका है. इस वजह से करीब 6 से 10 किलोमीटर की दूरी तय कर इंटर की पढ़ाई करने इस इलाके के छात्रों को जाना पड़ता है. परसा, मकेर तथा भेल्दी स्थित इंटर कॉलेजों की दूरी छह किलोमीटर से अधिक है, जबकि अमनौर इंटर कॉलेज की दूरी 10 किमी है. जिले के सुदूर ग्रामीण इलाका होने के कारण इंटर स्तर की शिक्षा के लिए छात्र को दूर-दराज चले जाते हैं,
लेकिन इस इलाके की छात्राओं को मैट्रिक के बाद की शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है. 9 वर्ष पहले इस विद्यालय को इंटर स्तर तक पढ़ाई के लिए स्वीकृति देने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति तथा सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था उसी समय इंटर स्तरीय कॉलेज के भवन निर्माण के लिए शिलान्यास भी किया गया था. उसी समय से यह मामला अधर में लटका हुआ है. वर्तमान समय में बाजितपुर हाइस्कूल में शिक्षक संसाधनों का घोर अभाव है. विद्यालय में कई विषयों के शिक्षकों का पद रिक्त है.
शिक्षक और संसाधनों की है कमी : विद्यालय में कई विषयों के शिक्षक के पद रिक्त रहने से छात्रो को उस विषय की पढाई की खाना पूर्ति किया जा रहा है. जिससे छात्रों में नाराजगी है. संस्कृत, अंगरेजी, उर्दू ,भौतिकी, रसायन शास्त्र के शिक्षकों का पद वर्षों से रिक्त है. इस विद्यालय में नवीं वर्ग में 315 और दसवीं वर्ग में 325 छात्र-छात्राओं का नामांकन है. 625 छात्रों की पढाई के लिए कुल 11 ही शिक्षक नियुक्त है. जबकि 5 विषय की शिक्षकों का पद रिक्त है. शिक्षक के साथ विद्यालय में भवन, महिला कॉमन रूम, खेल के लिए स्टेडियम, शुद्ध पेयजल, खेल मैदान की घेरा बंदी नहीं होने से छात्रों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.
इंटर की शिक्षा के लिए छात्र काफी दुरी तय करने को विवश : विद्यालय से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद इंटर की शिक्षा के लिए छात्र छात्राओं को काफी दूरी तय करनी पड़ती है. विद्यालय से इंटर की पढाई के लिए परसा, मकेर, भेल्दी तथा अमनौर के अलावा कोई विकल्प नहीं है. ज्यादा दूरी तय कर छात्र तो पढ़ने के लिए सक्षम हो जाते है. लेकिन छात्राओं को इससे वंचित होना पड़ रहा है. जिससे छात्राएं इंटर की शिक्षा से वंचित रह जाती है.
क्या कहते हैं प्राचार्य
विद्यालय में शिक्षकों और संसाधनों की कमी है. छात्रों के साथ शिक्षकों को भी परेशानी हो रही है. शिक्षक की कमी तथा इंटर स्तर तक पढ़ाई शुरू करने की स्वीकृति नहीं मिलने से इस क्षेत्र की छात्राओं को सर्वाधिक कठिनाई हो रही है. शुद्ध पेय जल आपूर्ति समेत अन्य समस्याओं के संबंध में विभाग को पत्र भेजा गया है और इसके निराकरण का प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही विभाग द्वारा इंटर स्तर तक पढ़ाई शुरू करने की स्वीकृति मिलने की उम्मीद है.
प्रवीण कुमार सिंह,प्राचार्य, उच्च विद्यालय बाजीतपुर, परसा
9 साल बाद भी नहीं मिला 10+2 का दर्जा
विद्यालय को इंटर की दर्जा दिलाने के लिए तत्कालीन विधायक छोटे लाल राय द्वारा वर्ष 2007 के नवंबर में इंटर की दर्जा दिलाने की घोषणा किया गया था. लेकिन प्राचार्य की लगातार अथक प्रयास के 9 साल बाद भी शिक्षा विभाग इंटर का दर्जा देने में अक्षम साबित हुआ है.