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20 उर्वरक विक्रेताओं से स्पष्टीकरण

कार्रवाई. अनुदानित दर पर प्राप्त एसएसपी उर्वरक वितरण का सत्यापन नहीं करने का आरोप चार खुदरा विक्रेताओं की अनुज्ञप्ति को किया रद्द उर्वरक अधिनियम व सरकारी आदेश का उल्लंघन महंगा पड़ा छपरा :जिले के 20 थोक खाद विक्रेताओं से जिला कृषि पदाधिकारी केके झा ने स्पष्टीकरण मांगा है, जबकि चार खाद विक्रेताओं की अनुज्ञप्ति को […]

कार्रवाई. अनुदानित दर पर प्राप्त एसएसपी उर्वरक वितरण का सत्यापन नहीं करने का आरोप

चार खुदरा विक्रेताओं की अनुज्ञप्ति को किया रद्द
उर्वरक अधिनियम व सरकारी आदेश का उल्लंघन महंगा पड़ा
छपरा :जिले के 20 थोक खाद विक्रेताओं से जिला कृषि पदाधिकारी केके झा ने स्पष्टीकरण मांगा है, जबकि चार खाद विक्रेताओं की अनुज्ञप्ति को रद्द कर दिया है. इससे थोक एवं खुदरा खाद व्यवसायियों में हड़कंप मचा हुआ है. कृषि विभाग द्वारा उठाये गये कड़े कदम से खाद व्यवसायियों की बेचैनी व परेशानी बढ़ गयी है. यह कदम कृषि निदेशक बिहार, पटना के द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में उठाया गया है.
जिला कृषि पदाधिकारी ने जिले के सभी थोक खाद विक्रेताओं की समीक्षा बैठक में खरीफ फसल मौसम के दौरान उर्वरक की कमी रोकने पर चर्चा हुई. बैठक में समीक्षा के दौरान पाया गया कि फरवरी, मार्च में प्राप्त उर्वरक का चेक विक्रेताओं द्वारा भंडारण नहीं किया गया और जिला कृषि पदाधिकारी से सत्यापन नहीं कराया गया. बैठक में थोक विक्रेताओं ने बताया कि फरवरी तथा मार्च में प्राप्त उर्वरक के अवशेष को खुदरा विक्रेताओं के हाथों बेच दिया गया है. बिक्री करने की सूचना भी विभाग को नहीं दी गयी है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विभाग के सख्त कदम उठाया है.
संतोषजनक जवाब नहीं देने पर होगी कार्रवाई : रासायनिक उर्वरक के थोक विक्रेताओं द्वारा स्पष्टीकरण का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. जिला कृषि पदाधिकारी ने 20 थोक विक्रेताओं से स्पष्टीकरण पूछा है. उर्वरक अधिनियम 1985 तथा सरकारी आदेश का उल्लंघन करने का सभी थोक विक्रेताओं पर आरोप है. खुदरा उर्वरक विक्रेताओं की अनुज्ञप्ति रद्द करने का कारण अनुदानित दर पर प्राप्त एसएसपी उर्वरक वितरण का सत्यापन नहीं कराया जाना है. जिला कृषि पदाधिकारी ने उर्वरक विक्रेताओं से भंडार पंजी, वितरण पंजी, कैश मेमो उपलब्ध कराने की मांग की थी, जिसे उपलब्ध नहीं कराने के कारण अनुज्ञप्ति रद्द कर दिया गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
रासायनिक उर्वरक की कालाबाजारी रोकने, किसानों को ससमय उचित कीमत पर उर्वरक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है. उर्वरक अधिनियम तथा सरकारी आदेशों की अवहेलना करने के आरोप में 20 थोक विक्रेताओं से स्पष्टीकरण पूछा गया है और चार खुदरा विक्रेताओं की अनुज्ञप्ति रद्द कर दी गयी है.
कृष्णकांत झा, जिला कृषि पदाधिकारी,
चार खुदरा उर्वरक विक्रेताओं का लाइसेंस रद्द
इनका लाइसेंस हुआ रद्द
मेसर्स श्री वैष्णो फर्टिलाइजर, मौना फाटक, छपरा
मेसर्स हिंदुस्तान खाद बीज भंडार, इसुआपुर
मेसर्स अन्नपूर्णा खाद-बीज भंडार, गड़खा
मेसर्स भवानी खाद-बीज भंडार खानपुर
क्या है मामला
उर्वरक की प्राप्ति के बाद थोक विक्रेताओं द्वारा गोदाम में भंडारण करना है. गोदाम में उर्वरक का भंडार करने के पश्चात विभागीय अधिकारी से सत्यापन करना है. ऐसा नहीं करना उर्वरक अधिनियम 1985 तथा सरकारी आदेश की अवहेलना है. कृषि निदेशक का भी सख्त निर्देश है कि थोक विक्रेताओं को उर्वरक की आपूर्ति के पश्चात सरकारी नियमों तथा अादेशों का अनुपालन हर हाल में करना है.
क्या है उद्देश्य
खरीफ मौसम के दौरान जिले में उर्वरक की कमी रोकने के उद्देश्य से सरकार ने कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किया है. राज्य व जिला स्तर पर उर्वरक की आपूर्ति, थोक विक्रेताओं द्वारा खुदरा विक्रेताओं को बिक्री करनेवाले खुदरा विक्रेताओं द्वारा किसानों से बेचने की गहन मॉनिटरिंग करना है.
किसानों को ससमय रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराना, उर्वरक की मनमाना कीमत वसूलने पर रोक लगाना, नकली उर्वरकों के कारोबार पर रोक लगाना आदि शामिल है. जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति के द्वारा इसकी मॉनिटरिंग करने की व्यवस्था है.

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