छपरा : मारपीट से उत्पन्न एक पुराने विवाद ने ऐसा खूनी रंजिश का शक्ल लिया कि दो मुखिया समेत एक दर्जन लोगों की जान चली गयी. गड़खा प्रखंड तथा अवतार नगर थाने की मिर्जापुर पंचायत के रामगढ़ा से एक दशक पहले उठी चिनगारी ने मुसीबत खड़ी कर दी है. वर्ष 2004 में पंचायत के दौरान […]
छपरा : मारपीट से उत्पन्न एक पुराने विवाद ने ऐसा खूनी रंजिश का शक्ल लिया कि दो मुखिया समेत एक दर्जन लोगों की जान चली गयी. गड़खा प्रखंड तथा अवतार नगर थाने की मिर्जापुर पंचायत के रामगढ़ा से एक दशक पहले उठी चिनगारी ने मुसीबत खड़ी कर दी है. वर्ष 2004 में पंचायत के दौरान रामगढ़ा गांव के लक्ष्मण राय तथा उसके परिजनों की पिटाई मुखिया संजय सिंह ने की थी. प्रतिशोध में मुखिया की 8 दिसंबर, 2004 को हत्या कर दी गयी.
इस मामले में लक्ष्मण राय के पुत्र राकेश राय समेत कई नामजद किये गये. मुखिया हत्या मामले में वांटेड राकेश राय एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में 19 जुलाई, 2005 को मारा गया. इसके मारे जाने के बाद उसके भाइयों निकेश राय, अविनाश राय समेत नये अपराधी उपज गये और मुखिया के समर्थकों के पीछे पड़ गये.
इस खूनी खेल में कई अध्याय लगातार जुड़ते गये. संजय सिंह तथा राकेश राय के समर्थक लगातार एक दूसरे को मौत के घाट उतारते गये.
इनकी हुई मौत
8 दिसंबर, 2004 को मिर्जापुर पंचायत के मुखिया की हत्या
19 जुलाई, 2005 हत्या के आरोपित राकेश राय मुठभेड़ में मारा गया
खेरी पाकड़ के मंगल राय की हत्या
खोरीपाकड़ गांव के श्रवण की हत्या
बसंत गांव के भोली की हत्या
राकेश राय के रिश्तेदार मोहन राय समेत दो की हत्या
20 जुलाई, 2011 सांसद आवास में मणिभूषण सिंह, दिनेश राय और देवेंद्र सिंह मुखिया की हत्या
22 अगस्त, 2014 झौवा बसंत में गवाह मृत्युंजय की हत्या
19 सितंबर, 2014 कोर्ट में बमबारी तीहरे हत्याकांड के सूचक तथा गवाह समेत तीन को घायल
18 अप्रैल, 2016 कोर्ट में बम ब्लास्ट करने आयी खुशबू खुद बनी शिकार