छपरा (सदर) : आगामाी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान विभिन्न पंचायत प्रतिनिधियों के पदों पर आरक्षण रोस्टर परिवर्तन को लेकर भावी उम्मीदवारों व आम जनों में जबरदस्त चर्चाएं हैं. हालांकि आरक्षण रोस्टर पर अंतिम निर्णय लेने से संबंधित फाइल सरकार के स्तर पर लंबित है. ऐसी स्थिति में भावी उम्मीदवारों में आरक्षण रोस्टर बदलने के संबंध में सरकार के निर्णय को लेकर ऊहापोह की स्थिति है. सरकार के द्वारा आरक्षण रोस्टर में परिवर्तन के संबंध में अंतिम निर्णय लेना अभी बाकी है.
यदि आरक्षण रोस्टर बदलता है, इसके बावजूद 50 फीसदी विभिन्न श्रेणियों में महिलाओं की चुनाव लड़ने की आजादी के अलावा अनारक्षित पदों पर भी लड़ने की छूट से निश्चित तौर पर पुरुषों से ज्यादा महिला जनप्रतिनिधि फिर चुन कर आयेंगी. गत पंचायत चुनाव में आरक्षित पदों के अलावा दर्जन भर से ज्यादा महिलाओं ने जीत दर्ज की.
इनमें बनियापुर प्रखंड के भुसांव पंचायत से मुखिया पद पर जीतनेवाली सुनिता देवी, एकमा प्रखंड के एकसार से सुनिता देवी, मांझी प्रखंड के मुबारकपुर से निर्मला देवी, शितलपुर से ज्ञांती देवी के अलावा जिला पर्षद की अध्यक्ष छोटी कुमारी आदि महिला पंचायत प्रतिनिधि शामिल हैं.
अपने घर शौचालय नहीं बनानेवाले हो सकते है चुनाव लड़ने से वंचित वर्ष 2016 में होनेवाली त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत पंचायती राज विभाग व राज्य निर्वाचन आयोग इस बार वैसे लोगों को पंचायत स्तरीय चुनावों के लिए जिला पर्षद, मुखिया, सरपंच, बीडीसी, वार्ड सदस्य, पंच आदि पदों पर चुनाव लड़ने से पूर्व अपने घर में शौचालय बनवाने की अनिवार्य करने जा रहा है. ऐसे में वैसे ग्रामीण जो अपने घरों पर शौचालय नहीं बनवाते हैं,
उन्हें पंचायत चुनाव लड़ने से वंचित होना पड़ सकता है. पंचायत प्रतिनिधि का नाम पदों की संख्याजिला पार्षद 47मुखिया 323सरपंच 323पंचायत समिति सदस्य 460वार्ड सदस्य 4580ग्राम कचहरी पंच 4580कुल पद 10313मतदाता सूची का विखंडन – पांच दिसंबर तक जिले में वार्डवार मतदाता सूची विखंडन का कार्य पांच दिसंबर तक चलेगा.
राज्य निर्वाचन आयोग स्तर पर जांच का कार्यक्रम 18 दिसंबर से 23 दिसंबर तक व मतदाता सूची के प्रकाशन का कार्य विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों व जिला पर्षद में 28 दिसंबर से 11 जनवरी, 2016 तक विभिन्न प्रखंडों में बीडीओ की देखरेख में पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है.
आरक्षण की स्थिति में परिजनों को लड़ाने की तैयारीत्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान अरक्षण रोस्टर में बदलाव होने की स्थिति में खास कर सामान्य या अन्य आरक्षित सीटों से जीत कर आनेवाले ज्यादातर पुरुष प्रतिनिधि अपने परिजनों यथा पत्नी, बहू या अन्य को लड़ाने की तैयारी में हैं. खास कर मुखिया, बीडीसी, जिला पर्षद एवं सरपंच पदों पर जीतनेवाले किसी भी पद के पुरुष पंचायत प्रतिनिधियों को यह चिंता सता रही है.
वे अपनी पंचायत में सामान्य महिला या आरक्षण होने की स्थिति में अपने परिजनों को लड़ा कर मलार्इदार पदों पर अपनी पकड़ बनाये रखने के लिए प्रयासरत देखे जा रहे हैं. सरकार के स्तर पर आरक्षण रोस्टर परिवर्तन से संबंधित फाइल लंबित है.
वहां से आदेश मिलने के बाद ही आरक्षण रोस्टर बनाने की दिशा में कार्य होगा. महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था के अलावा भी सामान्य सीटों पर लड़ने की आजादी के कारण स्वाभाविक रूप से उनकी संख्या ज्यादा होगी. अभी वार्ड वार मतदाता सूची विखंडन का कार्य चल रहा है. संतोष कुमारजिला पंचायती राज पदाधिकारी, सारण