अंजाम. गैंगवार में अत्याधुनिक हथियारों से मारी गयी सभी गोलियां शरीर से हुई थीं आर-पार
छपरा (सारण) : हत्या से शुरू हुई और हत्या के साथ खत्म हो गयी कैलाश सिंह उर्फ चेक सिंह की कहानी. 50 दिन पहले इसुआपुर के थानाध्यक्ष संजय कुमार तिवारी की हत्या करने के बाद कैलाश सिंह उर्फ चेक सिंह सुर्खियों में आया और 50 वें दिन ही उसके जीवन की अंतिम शाम हो गयी. कुख्यात अपराधी सरगना पहली बार वर्ष 2005 में दरियापुर थाने में पहली बार पकड़ा गया. उसने 22 दिसंबर, 2014 को थानाध्यक्ष को गोली मार कर हत्या की और 50 वें दिन अपराधियों के साथ गैंगवार में खुद चेक सिंह मारा गया.
एसपी ने की घटना की जांच : एसपी सत्यवीर सिंह गुरुवार को परसा थाना क्षेत्र के परसौना बाजार पहुंचे तथा बुधवार की संध्या अपराधियों के बीच हुई गैंगवार की जांच की. एसडीपीओ अशोक चौधरी तथा थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह भी मौजूद थे. एसपी ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद लोगों से भी पूछताछ की. हालांकि किसी ने गोली मारनेवाले अपराधियों को पहचानने की बात स्वीकार नहीं की.
पुलिस को मिली बिन मांगी मुराद
परसा थाना क्षेत्र के परसौना गांव में अपराधी के मिले शव की शिनाख्त जब कैलाश सिंह उर्फ चेक सिंह के रूप में हुई, तो पुलिस को ऐसा लगा, मानो बिन मांगी मुराद मिल गयी. कैलाश सिंह उर्फ चेक सिंह की मां रीता देवी ने जब अपने पुत्र को पहचान लिया, तब पुलिस मुख्यालय को भी इसकी सूचना तत्काल दी गयी.
व्हाट्सएप पर जारी किया फोटो
घटना के बाद पुलिस ने अपराधी के शव का फोटो व्हाट्सएप पर जारी कर दिया. शव की शिनाख्त के लिए पुलिस द्वारा व्हाट्सएप पर जारी किये गये फोटो को काफी तेजी के साथ एक दूसरे को फॉरवर्ड किया जाने लगा. पुलिस के साथ मीडिया से जुड़े लोग भी फोटो को फॉरवर्ड करते रहे. बाद में जब पुष्टि हो गयी, तो फाइल फोटो और शव का फोटो भी व्हाट्सएप तथा फेसबुक पर आ गया.
सदर अस्पताल में कराया गया पोस्टमार्टम
अपराधी चेक सिंह के शव की शिनाख्त उसकी मां रीता देवी ने की. परसा थाने में पुलिस के समक्ष रीता देवी द्वारा पहचान किये जाने के बाद सुबह में सदर अस्पताल में कराया गया. अनुमंडल पदाधिकारी कयूम अंसारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजकुमार कर्ण की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम हुआ. मौके पर काफी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था. इस दौरान परसा के अलावा कई थानों की पुलिस मौजूद थी.
50 दिनों तक परेशान रही पुलिस
इसुआपुर थानाध्यक्ष हत्याकांड के मुख्य शूटर चेक सिंह की सारण पुलिस 50 दिनों तक तलाश करती रही. लेकिन उसे जिंदा पकड़ने में पुलिस को सफलता नहीं मिली. अंतत: चेक सिंह का शव ही हाथ लगा. इसके पहले पुलिस चेक सिंह के घर की कुर्की जब्ती भी पुलिस कर चुकी है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने सारण जिले के अलावा वैशाली, मुजफ्फरपुर, पटना, आरा के अलावा पश्चिम बंगाल व उत्तरप्रदेश के भी कई स्थानों पर छापेमारी की थी.
क्या कहते हैं एसपी
परसा थाना क्षेत्र के परसौना गांव में अपराधियों के साथ गैंगवार में मारे गये अपराधी की पहचान कैलाश सिंह उर्फ चेक सिंह के रूप में हुई है. शव की शिनाख्त उसकी मां रीता देवी ने की है. गैंगवार में चेक सिंह को गोली मारने की जांच की जा रही है. इस घटना में संलिप्त अपराधियों की पहचान कर गिरफ्तार करने की दिशा में पुलिस कार्रवाई कर रही है. जल्द ही इसका भी खुलासे हो जाने की आशा है.
सत्यवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक, सारण