गड़खा : विद्युत प्रवाहित बिजली का तार गिरने से मरनेवाले मिथिलेश की शादी जून 2012 में हुई थी. पत्नी रेखा देवी, मां सुमिगी देवी, पिता मोहन मांझी, बहन कुसुम एवं रेखा का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था. वहीं मृतक के चाचा सोहन मांझी अपने भतीजे के मरने के गम में रो-रो कर मूच्र्छित हो जा रहे हैं.
* कई लोगों ने की आर्थिक मदद
मृत मिथिलेश के परिजनों की कई लोगों ने आर्थिक सहायता की. सीओ उमाशंकर तिवारी ने पारिवारिक लाभ, आपदा राहत, विधवा पेंशन देने की बात कही, तो जदयू के नेता बसंत गांव निवासी ओमप्रकाश सिंह ने पांच हजार रुपये नकद दिये. थानाध्यक्ष संजीव सिंह निराला ने 1500 रुपये, श्रीपाल बसंत के मुखिया उषा देवी 1500 रुपये, जलाल बसंत के मुखिया जयप्रकाश ने 1500 रुपये, तो सीओ ने अपने निजी कोष से एक हजार रुपये देकर सहायत की.
* अक्सर टूटता है तार
बिजली का तार जजर्र होने से अक्सर कहीं-न-कहीं टूटते रहता है और किसी-न-किसी की जान जाती रहती है. बिजली की धारा प्रवाहित तार की चपेट में आने से मीठा घाट के राकेश साह, मीठेपुर के विधा राय और एक बैल भुई गांव के श्री भगवान साह, बेलवनिया के प्रभुनाथ सिंह के पुत्र नीरज सिंह समेत करीब एक दर्जन लोग की जानें जा चुकी हैं.