छपरा : शनिवार की शाम बेंगलुरु के प्रिया इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी में लिफ्ट ठीक करने के दौरान हुए हादसे में सारण के दो मजदूरों की मौत हो गयी. वहीं एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया. मृतकों में डूमरी मांझी थाना क्षेत्र के डूमरी गांव निवासी भरत महतो के पुत्र धर्मेंद्र महतो व कोपा थाना क्षेत्र के उत्तरी टोला निवासी लक्ष्मी महतो के पुत्र प्रमोद महतो शामिल है.
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सारण के दो लोगों की बेंगलुरु में मौत, एक घायल, कोहराम
छपरा : शनिवार की शाम बेंगलुरु के प्रिया इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी में लिफ्ट ठीक करने के दौरान हुए हादसे में सारण के दो मजदूरों की मौत हो गयी. वहीं एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया. मृतकों में डूमरी मांझी थाना क्षेत्र के डूमरी गांव निवासी भरत महतो के पुत्र धर्मेंद्र महतो व कोपा […]
वहीं घायल राकेश महतो डूमरी गांव निवासी स्व शिवबचन महतो का पुत्र राकेश महतो बताया गया है. घायल का इलाज बेंगलुरु के ही एक अस्पताल में किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार तीनों मजदूरों के एक साथ ढाई साल पहले बेंगलुरु के कंस्ट्रक्शन कंपनी के काम के लिए गये थे. शनिवार की शाम कंस्ट्रक्शन साइड पर लिफ्ट ठीक करने के क्रम में तीनों हादसे का शिकार हो गये.
दोनों मृतकों का शव रविवार की देर रात तक पहुंचने की उम्मीद जतायी जा रही है. इस घटना के बाद मृतक मजदूरों के परिजनों में कोहराम मच गया है. मांझी विधायक विजय शंकर दूबे ने परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी और श्रम संसाधन विभाग से मृतक के परिजनों को एक लाख तथा घायल के परिजनों को 20 हजार सहायता राशि प्रदान कराये जाने की घोषणा की है.
मासूमों के सपने और बूढ़ी मां की उम्मीदें अब कौन करेगा पूरी
मांझी/जलालपुर. परदेश में कमाने की चाहत और अपने परिवार के भरण पोषण की उम्मीदों का बोझ सारण के तीन मजदूरों पर काफी भारी पड़ा. बेंगलुरु के एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में हादसे का शिकार हुए मांझी प्रखंड के डूमरी व कोपा उत्तरी टोला के मजदूरों के परिजन नि:शब्द हो चुके है.
इस हादसे में सारण के मांझी प्रखंड स्थित डूमरी निवासी धर्मेंद्र महतो व कोपा उत्तरी टोला के प्रमोद कुमार महतो की मौके पर ही मौत हो गयी. वहीं डूमरी के ही एक मजदूर राकेश कुमार महतो का पांव कट गया. ऐसे में जिस उम्मीद के साथ ये मजदूर परदेश में कमाने गये थे. उसे अब कौन पूरा करेगा. यह सवाल मजदूरों के गांव में गूंज रहा है.
दो मजदूरों की मौत और एक मजदूर के घायल होने की सूचना मिलते ही उनके गांव में कोहराम मच गया है. गांव के बच्चे, युवा व बुजूर्ग मजदूरों के घर जाकर उनके परिजनों की सांत्वना देने की कोशिश कर रहे है. हादसे का शिकार हुए मजदूरों के मासूम बच्चे, पत्नियां व मां-बाप के आंखों के आंसू भी अब रो-रोकर सुख चुके है.
सात दिन की मासूम बेटी को नहीं देख सका धर्मेंद्र
मांझी थाना क्षेत्र के डूमरी गांव निवासी भरत महतो का पुत्र धर्मेंद्र महतो ढाई साल पहले बेंगलुरु में काम करने गया था. दस माह पूर्व ही उसकी शादी दाउदपुर थाना क्षेत्र के बलेसरा गांव के राजेंद्र महतो की पुत्री नेहा से हुई थी.
नेहा ने घटना के सात दिन पहले ही एक पुत्री को जन्म दिया है. घटना के एक दिन पूर्व ही फोन पर उसने अपने पति को बेटी के जन्म पर हुए छठियार समारोह की जानकारी दी. घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतक के घर पहुंच रहे ग्रामीण उसकी अबोध बेटी को देख कुछ भी नहीं कह पा रहे है. जिस घर में बेटी को आने पर खुशियां मनायी जा रही थी वहां आज मातम हो रहा है.
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