दिघवारा : लोक आस्था का महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत हो गयी है, मगर प्रखंड के कई ग्रामीण इलाकों के गंगा घाटों की स्थिति अब भी संतोषप्रद नहीं है, जिससे स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है. कहीं घाट तक जाने के रास्ते खराब हैं तो कहीं का घाट जानलेवा है. अब तक प्रशासन द्वारा न तो रास्तों की सफाई हुई है और न ही उन घाटों पर बैरिकेडिंग करवायी गयी है. साथ ही खतरनाक घाटों को भी चिह्नित नहीं किया गया है.
अधिकतर ग्रामीण घाटों पर जन सहयोग से घाटों तक जाने के रास्ते को तैयार करने के साथ सजाया जा रहा है. छठ को लेकर प्रशासनिक इंतजाम की झलक देखनी हो तो छपी तस्वीर को देख लें, ये प्रखंड के सबसे बड़े व आस्थावान घाट अंबिका भवानी घाट आमी की तस्वीर है, जो गंदगी व कचरों से पटा है और इसी घाट पर मंगलवार को दिघवारा, दरियापुर,गड़खा व छपरा सदर प्रखंडों के हजारों व्रतियों व श्रद्धालुओं ने नहाय-खाय को लेकर आस्था की डुबकी लगायी.
घाट पर गंदगी को लेकर व्रती व श्रद्धालुओं के अंदर गहरी नाराजगी दिखी. स्थानीय लोगों का कहना था कि सीओ दो बार आये और घाट देखकर चले गये. न तो सफाई का काम शुरू हुआ है और न ही घाट की बैरिकेडिंग शुरू हुई है. यहां यह भी बताते दें कि अंबिका भवानी घाट काफी खतरनाक है और इस घाट पर डूबने से अब तक दर्जनों की मौत भी हो चुकी है.