छपरा (सदर) : अब शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक जल, शौचालयों के उपयोग, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन आदि स्वच्छता से जुड़े विभिन्न पहलुओं के लिए ग्रामीणों के सहयोग से उनके भविष्य के कल्याण का प्रयास किया जायेगा. इसके लिए मिशन अंत्योदय के तहत जिला एवं जल एवं स्वच्छता समिति की देख-रेख में एक से 15 अक्तूबर तक ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छता पखवारा का आयोजन करने की योजना सरकार के निर्देश के आलोक में जिला समिति ने बनायी है.
जिला जल एवं स्वच्छता समिति के बैनर तले जिले की सभी पंचायतों में ग्राम सभा का 28 से 30 सितंबर तक 15 दिवसीय पखवारे की तैयारी, पंचायत भवन में जागरूकता एवं पर्यावरण निर्माण, आईईसी सामग्री का प्रबंधन तथा लाभार्थी की जानकारी ग्राम पंचायत सचिव/जीआरएस की देख-रेख में होगी. इस कार्यक्रम में एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कर्मियों, महिला स्वयं सहायता समूह को शामिल कर व्यापक स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी आकलन किया जायेगा.
नोडल पदाधिकारियों काे दिया गया प्रशिक्षण : ग्राम स्मृद्धि एवं स्वच्छता पखवारा को लेकर ग्रामीण विकास विभाग के निर्देश के आलोक में सभी पंचायत स्तरीय नोडल पदाधिकारियों का प्रशिक्षण दिया गया. उद्घाटन करते हुए डीएम ने जहां सभी पदाधिकारियों को कार्यक्रम में अपने-अपने दायित्वों के निर्वहन पर बल दिया. वहीं कृषि, वित्तीय समावेशन, आईसीडीएस, कल्याण, ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जीविका, स्वच्छ भारत मिशन के पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी योजनाओं का प्रारूप रखा. कार्यक्रम का संचालन डीआरडीए निदेशक सुनील कुमार पांडेय ने किया.
धन्यवाद ज्ञापन डीडीसी सुनील कुमार ने किया.
ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छता पखवारा के तहत होंगे ये कार्य
एक अक्तूबर को अभियान के बारे में ग्राम पंचायत सचिव, जीआरएस के माध्यम से जानकारी तथा स्वच्छता अभियान का शुभारंभ.
दो अक्तूबर-सुबह प्रभातफेरी स्कूली बच्चों के साथ, स्कूली बच्चों के बीच बाल सभा का आयोजन, ग्राम सभा का आयोजन, ग्राम पंचायत की बैठकों में स्वच्छ हरित गांव, ग्राम समृद्धि का प्रारूप तैयार करना तथा संध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक व फिल्म का प्रदर्शन.
तीन से सात अक्तूबर तक स्वच्छता अभियान में गांव की सड़कों के किनारे, सार्वजनिक स्थलों तथा नालियों की सफाई, ग्राम सड़कों की सफाई, मरम्मत एवं रख-रखाव, विद्यालयों में एमडीएम व्यवस्था का निरीक्षण आईसीडीएस कार्यकर्ता, आशा, पंचायत सचिव, एसएचजी सदस्यों के द्वारा अलग-अलग किया जाना.
आठ से नौ अक्तूबर- कृषि विज्ञान केंद्र, पंचायत सचिव, पशुपालन विभाग के कार्यकर्ताओं की देख-रेख में कृषि सभाएं, डेयरी, मुर्गी पालन, मछली पालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ वर्मी कंपोस्ट के गड्ढे खोदने, विशेष महिला सभा का आयोजन, सूक्ष्म जमा योजना पर विचार-विमर्श तथा उत्पादक कंपनियों के गठन पर होगी चर्चा.
10 अक्तूबर -पंचायत सचिव के माध्यम से एसएफसी और अन्य सरकारी निधियों से संसाधनों का अनुमान किये गये कार्यों को सार्वजनिक करना.
11 अक्तूबर को- पंचायत सचिव, जीआरएस के माध्यम से मनरेगा की योजना तैयार करना, जल संरक्षण पर जोर देना तथा एसएलडब्ल्यूएम पर विशेष नजर.
12 अक्तूबर को- पंचायत सचिव एवं जीआरएस के माध्यम से पीएमएवाई-जी लाभार्थियों की सूची को पढ़ा जाना, व्यक्तिगत हकदारी के तहत वृद्धावस्था, अन्य पेंशन, छात्रवृत्ति आदि का सत्यापन तथा शेष बचे लाभार्थियों का निर्धारण
13 से 14 अक्तूबर- ग्राम पंचायत सचिव, जीअारएस, एसएचजी के माध्यम से युवाओं का पंजीकरण एवं एकजुटता शिविर लगाना तथा कौशल विकास से युवाओं को जोड़ना.
15 अक्तूबर को-पंचायत वार पंचायत सचिव के माध्यम से पूरे पखवारे में की गयी कार्रवाई रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण तथा जहां भी लागू हो जीपी रेंज तैयार करना.