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विदेशी शराब के साथ दो धंधेबाज धराये

कार्रवाई . डाउन बिहार संपर्क क्रांति सुपर फास्ट ट्रेन में जांच के दौरान पकड़ाये गिरफ्तार दोनों कारोबारी मधुबनी जिले के हैं निवासी छपरा (सारण) : पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन पर राजकीय रेलवे पुलिस ने 180 बोतल विदेशी शराब के साथ दो धंधेबाजों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. रेल पुलिस उपाधीक्षक डॉ अखिलेश कुमार […]

कार्रवाई . डाउन बिहार संपर्क क्रांति सुपर फास्ट ट्रेन में जांच के दौरान पकड़ाये

गिरफ्तार दोनों कारोबारी मधुबनी जिले के हैं निवासी
छपरा (सारण) : पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन पर राजकीय रेलवे पुलिस ने 180 बोतल विदेशी शराब के साथ दो धंधेबाजों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. रेल पुलिस उपाधीक्षक डॉ अखिलेश कुमार के निर्देश पर राजकीय रेलवे पुलिस ने सुबह में शराब तस्करी करने वालों के खिलाफ जांच अभियान चलाया. इस दौरान डाउन बिहार संपर्क क्रांति सुपर फास्ट ट्रेन के स्लीपर कोच एस-10 में यात्रा कर रहे दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनके बैग में रखे 180 बोतल विदेशी शराब बरामद की गयी. रेल थानाध्यक्ष अरविंद कुमार मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार दोनों धंधेबाजों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है और
पुलिस इसकी जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किये गये दोनों धंधेबाज मधुबनी जिले के लौकही थाना क्षेत्र के पिपरान गांव निवासी बैजनाथ साह के पुत्र इंदल कुमार तथा लदनिया निवासी रामानंद साह के पुत्र योगेंद्र कुमार शामिल हैं. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार धंधेबाजों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि बरामद विदेशी शराब हरियाणा का बना हुआ है और ऐसी आशंका है कि गिरफ्तार धंधेबाज लंबे समय से शराब की तस्करी करने में सक्रिय हैं और पहली बार पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. उन्होंने बताया कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के अलावा अन्य राज्यों से भी शराब तस्करी करने वाले सक्रिय हैं, जिन पर नकेल कसने के लिए छपरा जंकशन पर डाउन साइड की सभी ट्रेनों की जांच की जा रही है.
डोरीगंज(छपरा) : 16 अगस्त को शराब की बड़ी खेप पकड़े जाने के बाद इस बात की आशंका जताये जाने लगी है कि कहीं डोरीगंज बालू माफियाओं के बाद शराब माफियाओं का अड्डा तो नहीं बनता जा रहा है? चूंकि इसकी भौगोलिक स्थिति भी कुछ ऐसी है कि तस्करों को भागने के साथ ही छिपने के लिए काफी सहुलियते हैं. हाइवे के साथ ही ट्रेन और जल मार्ग से भी शराब की तस्करी होती है. वहीं तस्कर आराम से भाग निकलते हैं. जैसे ही इस पर पुलिस सख्त होती है, तस्कर आराम से नदी पार कर दियारा पहुंच जाते हैं. वहीं दियारा से अक्सर दूर रहने वाली पुलिस के लिए यहां छापा मारने के साथ ही अड्डे को ध्वस्त करने में काफी मुश्किलें होती हैं. हालांकि पुल बन जाने के बाद अब वह दियारा नहीं रहा, 16 अगस्त की रात डोरीगंज के बलवन टोला गांव स्थित घाट पर जर्जर नाव में 110 कार्टन शराब बरामद होने के बाद से क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है. शराब का धंधेबाज महेंद्र राय का पुत्र परमात्मा राय बताया जाता है, जो अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. लोगों का मानना है कि शराबबंदी के बाद इतनी भारी मात्रा में शराब का बरामद होना पहली घटना है. हालांकि लोग कहते हैं कि दो नावों में शराब लदी थी. जर्जर नाव दिखाकर उसे हटा दिया गया. लोगों का यह भी कहना है कि दोनों नावें अलग-अलग जगहों पर क्यों बांधी गयी? सू़त्रों की माने तो उत्तर प्रदेश से आये दिन शराब की बड़ी खेप नदी के रास्ते आरा और पटना में लगातार सप्लाई की जाती है. लोगों के मुताबिक डोरीगंज जहाज घाट, मेला घाट से देर रात नावों से शराब की ढुलाई लंबे समय से की जाती रही है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बलवन टोला में जर्जर नाव से इतनी भारी मात्रा में बरामद शराब ने कई सवाल छोड़े हैं शराब बंदी के बाद डोरीगंज के आसपास के गांवों व दियारा इलाके में देशी तथा विदेशी शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है. हालांकि पुलिस द्वारा कई बार छापेमारी कर शराब भट्ठियों को ध्वस्त भी किया गया है. लेकिन शराब बंदी कानून यहां धरातल पर नजर नहीं आ रहा, जिसके कारण शराब के धंधेबाजों का मनोबल बढ़ रहा है और डोरीगंज शराब का सेफ जोन बनता जा रहा है.

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