समस्या दस वर्ष पहले बनाये गये थे ट्रैफिक पोस्ट मगर वर्तमान समय में एक भी नहीं बचा
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शहर में चौक चौराहों पर नहीं है ट्रैफिक पोस्ट
समस्या दस वर्ष पहले बनाये गये थे ट्रैफिक पोस्ट मगर वर्तमान समय में एक भी नहीं बचा सारण (सारण) : शहर में चौक चौराहों पर ट्रैफिक पोस्ट नहीं है. दस वर्ष पहले पुलिस प्रशासन की ओर से ट्रैफिक पोस्ट बनवाए गये थे लेकिन वर्तमान समय में एक भी ट्रैफिक पोस्ट नहीं बचा है. बताया जाता […]
सारण (सारण) : शहर में चौक चौराहों पर ट्रैफिक पोस्ट नहीं है. दस वर्ष पहले पुलिस प्रशासन की ओर से ट्रैफिक पोस्ट बनवाए गये थे लेकिन वर्तमान समय में एक भी ट्रैफिक पोस्ट नहीं बचा है. बताया जाता है कि वाहनों के धक्के से एक एक कर सभी ट्रैफिक पोस्ट क्षतिग्रस्त हो गया है लेकिन नये ट्रैफिक पोस्ट बनवाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या और बढ़ती आबादी के कारण शहर में जाम की समस्या गंभीर होती जा रही है.
ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मुख्यालय में ट्रैफिक थाना खोलने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है. करीब दो वर्ष पहले भेजे गये प्रस्ताव को लागू करने के लिए कई बार रिमाइंडर भी पुलिस मुख्यालय को भेजा गया है लेकिन अब तक ट्रैफ़िक थाना खोलने की स्वीकृति नहीं मिल सका है.
गरमी व बरसात में होती है परेशानी : शहर में ट्रैफिक पोस्ट नहीं रहने के कारण ट्रैफिक पुलिस को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. ट्रैफिक पुलिस के जवान तेज धूप होने के कारण सड़क के किनारे छाया में जाकर खड़े हो जाते हैं. बारिश होने पर अगल-बगल की दुकानों में जाकर शरण लेते हैं. चौक चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के नहीं रहने के कारण न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि सड़क जाम की समस्या भी उत्पन्न हो रही है.
संसाधनों का है अभाव : यातायात पुलिस के पास संसाधनों का घोर अभाव है. यातायात पुलिस के लिए शहर में कार्यालय भी नहीं है. वाहनों के पकड़े जाने पर छुड़ाने के लिए लोगों को कई थानों का चक्कर लगाने को विवश होना पड़ता है. यातायात प्रभारी को सरकारी वाहन भी उपलब्ध नहीं कराया गया है और पुलिसकर्मियों का भी अभाव है. इस वजह से सभी चौक चौराहों पर यातायात पुलिस को तैनात नहीं किया जाता है.
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और यहां की आबादी पांच लाख से अधिक है. सरकारी प्रावधानों के तहत पांच लाख की आबादी वाले शहरों में ट्रैफिक थाना खोलने और ट्रैफिक थाना में डीएसपी स्तर के पदाधिकारी को थानाध्यक्ष बनाने का प्रावधान है. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने इस आशय का प्रस्ताव सरकार को भेजा था.
इसके बाद आये तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार राज ने भी कई बार रिमाइंडर सरकार को भेजा. वर्तमान पुलिस अधीक्षक ने भी सरकार को रिमाइंडर भेजा है. ट्रैफिक थाना को अपना भवन, वाहन, पुलिस निरीक्षक, पुलिस अवर निरीक्षक, सहायक अवर निरीक्षक तथा पुलिस कर्मी उपलब्ध कराये जायेंगे.
क्या कहते हैं अधिकारी
शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक थाना खोलने की योजना है. इस आशय का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है और स्वीकृति मिलने का इंतजार है. ट्रैफिक थाना में डीएसपी स्तर के पदाधिकारी को थानाध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव भी है.
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