घर-घर जाकर संपर्क करने का सिलसिला देर रात तक चला
Advertisement
डैमेज कंट्रोल में जुटे रहे प्रत्याशी
घर-घर जाकर संपर्क करने का सिलसिला देर रात तक चला समस्तीपुर : नगर निकाय चुनाव 2017 का चुनावी शोर थमने के साथ ही घर-घर जाकर संपर्क करने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा है. सभी प्रत्याशी अपनी जीत बताकर मतदाताओं को अपना कीमती वोट बरबाद न करने की जहां एक ओर मानों उपदेश दे […]
समस्तीपुर : नगर निकाय चुनाव 2017 का चुनावी शोर थमने के साथ ही घर-घर जाकर संपर्क करने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा है. सभी प्रत्याशी अपनी जीत बताकर मतदाताओं को अपना कीमती वोट बरबाद न करने की जहां एक ओर मानों उपदेश दे रहे थे. वहीं दूसरी ओर एक वोट की भीख भी मांग रहे थे. महिला प्रत्याशी के लिए पुरुष व पुरुष के लिए महिलाओं ने वोट मांगने में कोई परहेज नहीं कर रहे थे. इधर, मतदाता सबको दिलासा देने में पीछे नहीं रहे. कुछ निवर्तमान पार्षदों को विजयी ताज पहनने के लिए पसीना छूट रहा था, जबकि कुछ बड़े ही इत्मीनान से थे.
कई वार्डों में पूर्व पार्षदों को पांच साल का हिसाब देना मतदाताओं के समक्ष कठिन हो रहा था. वहीं कुछ नये चेहरे पहली बार चुनाव मैदान में परचम लहराने की जुगत कर रहे थे. नयी नवेली बहुएं चुनाव मैदान में कूद कर कई वार्डों का चुनाव रोचक बना दी हैं. चुनावी पंडित भी पान की गुमटी से लेकर चाय की दुकान पर तक बैठकर कहां से कौन जितेगा कौन हारेगा का आकलन कर लोगों के समक्ष परोस रहे थे. मतदाता भी इतने बुद्धिजीवी हैं कि वैसे चुनावी पंडित के आकलन का जवाब देने से पीछे नहीं रह रहे थे. मतदाताओं की मानें, तो इस बार नगर परिषद का परिदृश्य बदलेगा.
चुनाव से पहले ‘रोल मॉडल’ बनें प्रत्याशी : प्रत्याशियों ने प्रचार की बानगी से लोगों को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. ऐसा लग रहा है ये उम्मीदवार ही आज के रोल मॉडल हैं. चुनावी मैदान में दम ठोक रहे इन प्रत्याशियों के अब तक हुए प्रचार अभियान पर नजर दौड़ाई जाये, तो यह कहना गलत नहीं कि इनसे बड़ा कोई आदर्श पुरुष हो ही नहीं सकता. प्रचार में उम्मीदवारों के पक्ष में काढ़े गये कसीदे यह साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि आज की तिथि में इनसे बड़ा सामाजिक प्राणी कोई है ही नहीं. सरोकार ऐसा जैसे ईश्वर की टू कॉपी के रूप में ये धरती पर अवतरित हुए हैं, जो विजयी प्रत्याशी हैं
वे तो अपने द्वारा किये गये कार्यों का भी जिक्र अपने प्रचार में कर रहे हैं कि मैंने ये बनवाया वो बनवाया. लेकिन जो नये प्रत्याशी हैं, वे भी ख्वाब दिखाने में किसी से पीछे नहीं हैं. इस दौरान प्रत्याशियों की ऐसी तसवीर प्रस्तुत की जा रही है जैसे जनता का उनसे बड़ा कोई हमदर्द है ही नहीं. अधिवक्ता प्रकाश कुमार कहते हैं, प्रचार के दौरान प्रत्याशियों की जो तसवीर प्रस्तुत की जा रही है काश ये उस पर थोड़ा भी खड़ा उतरते तो शहर की तसवीर बदल जाती.
सबसे बड़ी बात कि अगर आपने काम कराया है, तो फिर आपको वोट मांगने की जरूरत ही क्या है.
प्रत्याशियों को मिले ये चुनाव चिह्न : राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए कुल 48 प्रकार का चुनाव चिह्न निर्धारित किया है. चुनाव चिह्न का आवंटन हिंदी वर्णमाला के पहला अक्षर के अनुसार किया गया है. जानकारी के मुताबिक, आयोग ने पतंग, कलम व दवात, नल, मोतियों की माला, बल्ब, कुरसी, तराजू, आग, लट्टू, कैंची, बैगन, अंगूठी, बल्ला, स्टोव, शंख, चारपाई, वायुयान, मेज, छाता, पुल, कांच का ग्लास, टॉर्च, सीढ़ी, कैरम बोर्ड, चिमनी, चरखा, केतली, रोड रोलर, किताब, कांटा, काठ गाड़ी, फ्रॉक, ताला व चाबी, कप व प्लेट, चश्मा, कार, चापाकल, प्रेशर कुकर, उगता हुआ सूरज, स्टूल, कोट, छड़ी, कुल्हाड़ी, जग, टोकरी, चुड़ियां, स्लेट, चम्मच को चुनाव चिह्न के रूप में आवंटित किया गया है.
इन कार्यों की रहेगी मनाही
पांच या उससे अधिक लोगों का जमावड़ा, निर्वाची पदाधिकारी के आदेश के बिना चुनाव कार्य में वाहन प्रयोग, ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग नहीं, अस्त्र-शस्त्र, घातक हथियार लेकर चलना, मतदान केंद्र के 200 गज के अंदर चुनाव प्रचार.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement