सवाल. अधजले सिरकटे शव का अब तक नहीं चला पता
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जीवित निकला जगदीश
सवाल. अधजले सिरकटे शव का अब तक नहीं चला पता समस्तीपुर : मुफस्सिल थाने के भमरूपुर काठपुलिया के पास बरामद सिरकटी अधजली लाश कोरबद्धा के जगदीश सहनी की नहीं, किसी और की है. दलसिंहसराय में लोगों ने शनिवार को साइकिल चोरी के आरोप में एक युवक को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया है. जिसकी […]
समस्तीपुर : मुफस्सिल थाने के भमरूपुर काठपुलिया के पास बरामद सिरकटी अधजली लाश कोरबद्धा के जगदीश सहनी की नहीं, किसी और की है. दलसिंहसराय में लोगों ने शनिवार को साइकिल चोरी के आरोप में एक युवक को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया है. जिसकी पहचान मुफस्सिल थाने के कोरबद्धा गांव के जगदीश सहनी के रूप में की गई है.
दोपहर वह एसबीआई की एडीबी शाखा के पास साइकिल चोरी कर भाग रहा था तो लोगों ने उसे खदेड़ कर पकड़ लिया. जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया. जगदीश की पहचान के बाद पुलिस के कान खड़े हो गए. जगदीश के जीवित होने की सूचना पर देखतेझ्रदेखते कोरबद्धा के ग्रामीण दलसिंहसराय थाने पर जुट गए. ग्रामीण एक दिन पूर्व मृत घोषित जगदीश को थाना हाजत में देख दंग रह गये. दलसिंहसराय के एएसपी संतोष कुमार ने साइकिल चोरी में पकड़े गये युवक की पहचान जगदीश के रूप में होने की पुष्टि की है.
शुक्रवार सुबह भमरूपुर गांव स्थित कांठ पुलिया के पास पुलिस ने एक सिरकटी व अधजली लाश बरामद की थी. कोरबद्धा गांव की कमली देवी ने लाश की पहचान दो दिनों से गायब अपने पुत्र जगदीश सहनी के रूप में की थी. महिला ने पुत्र की हत्या बीस साल पुराने जमीने विवाद में किये जाने का आरोप लगाते हुए नामजद प्राथमिकी दर्ज करा दी. पुलिस ने एक आरोपित सुरेश महतो को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया.
प्राथमिकी में पूर्व मंत्री रामाश्रय सहनी के तीनों पुत्रों के अलावा छह को किया गया था आरोपित
जीवित निकले जगदीश की हत्या के मामले में उसकी मां के बयान पर पुलिस ने उसके पटीदार पूर्व मंत्री रामाश्रय सहनी के पुत्र रामविशेक सहनी व उनके दो भाईयों के अलावा तीन अन्य लोगों को प्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था. पुलिस ने इस मामले में आरोपित सुरेश महतो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. प्राथमिकी की सूचना के बाद से पूर्व मंत्री रामाश्रय सहनी ने कहा था कि घटना से उनके परिवार को कोई लेना देना नही है. गांव में होने वाली मत्स्य सहयोग समिति की चुनाव की राजनीति के तहत उनके पुत्रों का नाम शामिल किया गया है. वह किसी तरह की जांच को तैयार हैं.
आखिर किसकी है लाश
जगदीश के जीवित होने की पुष्टि के बाद अब यह चर्चा जोरों पर होने लगी है कि भमरूपुर काठपुलिया के पास मिली सिरकटी लाश आखिर किसकी है. अगर वह लाश जगदीश की नहीं थी तो परिजनों ने उसकी पहचान किस आधार पर की. इस मामले में नामजद प्राथमिकी भी दर्ज करा दी गई. कहीं ग्रामीण राजनीति के तहत बाहरी किसी युवक को गुट विशेष ने बली का बकरा तो नहीं बना दिया.
पूर्व मंत्री ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. वही ग्रामीण भी पुलिस की कार्रवाई पर उंगली उठा रहे है. कि कैसे बिना कोई जांच के पुलिस ने किसी के सिर्फ नामजद करने पर निर्दोष को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया.
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