समस्तीपुर : बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर एक बिना टिकट का रेल यात्री पिस्तौल में गोली भरकर बेखौफ घूमता रहा. बिना टिकट यात्रा करने के जुर्म में जीआरपी ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया, लेकिन तब तक किसी को उसके पास गोली से भरी पिस्तौल होने की भनक तक नहीं लगी. मामला तो तब सामने आया, जब मजिस्ट्रेट के सामने पेशी के बाद जेल भेजने से पहले उसकी तलाशी ली गयी. मामला सामने आते ही जीआरपी के संबंधित अधिकारियों और जवानों के होश ही उड़ गये. अब जबकि सुरक्षा में चूक होने पर मामला सामने आया, तो आनन-फानन में उसकी जांच की जा रही है.
जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह समस्तीपुर स्टेशन पर फुलटूश नामक व्यक्ति को बिना टिकट यात्रा करने के जुर्म में जीआरपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था. उसके पास करीब 850 रुपये के जुर्माने की राशि का भुगतान करने भर भी पैसे नहीं थे. जीआरपी ने उसे हिरासत में लेकर रातभर जेल में रखा. दूसरे दिन रेल न्यायिक दंडाधिकारी के सामने पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया. गौर करने वाली बात है कि यहां तक जीआरपी के लोगों ने उसकी तलाश करने की जहमत नहीं उठायी. जेल जाने से पहले जब बीएमपी के जवानों ने फुलटूस नामक व्यक्ति की तलाशी ली, ताे उसके पास से लोडेड पिस्तौल निकला.
बिना टिकट रेल में सफर करने के जुर्म में गिरफ्तार फुलटूस के पास से तलाशी में गोली से भरी पिस्तौल मिलने के बाद बीएमपी और जीआरपी जवानों में हड़कंप मच गया. पिस्तौल बरामदगी के बाद उसे दोबाा जीआरपी के हवाले कर दिया गया. इसके बाद उसके ऊपर आर्म्स एक्ट तहत मामला दर्जकर आगे की कार्रवाईशुरू की गयी है.
माता-पिता की प्रताड़ना से करना चाहता था आत्महत्या
पुलिस को दिये बयान में गिरफ्तार फुलटूस ने बताया है कि वह पांच दिसंबर को गढ़पुरा के मोतर गांव स्थित घर से निकला था. वह माता-पिता की प्रताड़ना से तंग आकर खुद को गोली मार आत्महत्या करना चाहता था. वहीं, जेल सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से फुलटूश के पास से लोडेड पिस्तौल मिली है. उससे वह जेल में भी किसी भी वारदात को अंजाम दे सकता था. जेल सूत्र की ओर से इस तरह के वारदात की आशंका भी जतायी जा रही है.
जीआरपी ने क्यों नहीं ली तलाशी
समस्तीपुर जेल के अधीक्षक नंदकिशोर रजक का कहना है कि जब फुलटूस बिना टिकट ही यात्रा करने के जुर्म में पकड़ा गया था, तो जीआरपी ने उसकी तलाशी क्यों नहीं ली थी. बिना किसी तलाशी के ही उसे हाजत में बंद कर दिया गया. दूसरे दिन उसे मजिस्ट्रेट के पास पेश किया गया, तो वहां भी वह पिस्तौल के साथ मौजूद थे. जब जेल के अंदर प्रवेश के पहले बीएमपी जवानों ने तलाशी ली, तब पिस्तौल निकला.