समस्तीपुर : सरकार के 500 व 1 000 के नोट बाजार से वापस लिये जाने की समस्या अब पेट्रोल पंप तक भी अपनी लहक पहुंचानी लगी है. बुधवार को तो पेट्रॉल पंप पर किसी तरह काम चला लिया गया. मगर गुरुवार को बैंकों की ओर से नोट उपलब्ध नहीं कराने के कारण इसका असर पेट्रॉल […]
समस्तीपुर : सरकार के 500 व 1 000 के नोट बाजार से वापस लिये जाने की समस्या अब पेट्रोल पंप तक भी अपनी लहक पहुंचानी लगी है. बुधवार को तो पेट्रॉल पंप पर किसी तरह काम चला लिया गया. मगर गुरुवार को बैंकों की ओर से नोट उपलब्ध नहीं कराने के कारण इसका असर पेट्रॉल पंप पर भी दिखने लगा.
हाल यह हो गया की जो लोग गाडि़यों में सौ ,पचास रुपये के तेल भरवाने आये थे अगर वह पंप पर 500 के नोट थमा रहे थे तो उन्हें खुदरा की जगह सभी राशि की तेल लेनी पड़ रही थी. जिसकी चपत ग्राहकों के जेबों पर लग रही थी. वहीं ग्राहक भी इस बात से खुश थे कि चलो 500 के नोट से छुटकारा मिला. तेल तो खपत हो ही जायेगी. नोटों की असर यह हुआ की रोजाना 7 से 8 हजार लीटर होने वाली पेट्रॉल, डीजल की बिक्री का आंकड़ा गुरुवार को 30 हजार लीटर तक पहुंच गया.
कपड़ा बाजार में मंदी
जिंस पार्क के व्यवासायी आजाद ने कहा कि नोटों के वापस लेने का असर कपड़ा बाजार पर भी हुआ है. बाजार पूरी तरह मंदी के गिरफ्त में चला गया है. जिन दूकानदारों के पास पीओएस टर्मिनल से जुड़े है वह केे्र डिट कार्ड व डेबिट कार्ड से काम चला रहे है. मगर समस्तीपुर जिले में ऐसे ग्राहको की संख्या मात्र 1 फीसदी के आसपास ही है.
प्रभावित हो रहा छोटा व्यापार
धर्मपुर निवासी अधिक लाल सहनी ने कहा कि इससे छोटा व्यापार प्रभावित हुआ है. लोग 500 व 1 हजार का नोट लेकर दूकान पर आते है. दस पांच का भुंजा मांगते है. ऐसे में छोटे व्यवासायी कहां से लोगों को इसका खुदरा दें.
काले धन के लिए उठाया सही कदम
व्यवासायी मो.कमरुद्धीन ने बताया कि मोदी सरकार की ओर से उठाया गया यह सही कदम है. इस फैसले से काला धन पर रोक लगेगी. वर्षो से लोगों के पास जो काला धन जमा है. वह बाहर आ पायेगा.
बिजनेस में परेशानी
एचपी घोष पेट्रॉल पंप के मैनेजर मिथिलेश प्रसाद कर्ण ने कहा कि लोग 500 व 1 हजार का नोट लेकर पेट्रॉल पंप पर आ रहे है. 100-50 का तेेल मांगते है. बुधवार को तो जो खुदरा राशि जमा थी. इससे काम किसी तरह चल गया. मगर गुरुवार को नोटों की बदली नहीं होने के कारण खुदरा की समस्या पेट्रॉल पंप पर हो गयी है. नतीजा यह हुआ की लोगों को राशि की जगह पेट्रॉल दी जा रही थी.
रोजमर्रा के सामान
की बिक्री हुई कम
नोटों की समस्या से आम जनजीवन पर काफी असर हुआ है. सब्जी जैसी रोजमर्रा की जरुरतों के समानों की बिक्री कम हो रही है. टुनटुनया गुमटी पर वर्षा से सब्जी की बिक्री कर रही पुष्पा देवी ने बताया कि ग्राहक का यह हाल हो चुका है वह 500, हजार के नोट की खपत के लिये सब्जी दूकानों पर भी पहुंच रहा है. अब जबकि हमारे जैसे लोगों की एक दिन की कमाई ही 100 ,200 हो पाती है तो हम कहां से ऐसे नोटों को चला सकते है