समस्तीपुर : उत्तर बिहार के 16 जिलों में फैले समस्तीपुर रेल मंडल की विकास योजनाओं पर ग्रहण लग गया है. मंडल में चल रहे विभिन्न योजनाओं को लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए प्रर्याप्त फंड नहीं दिया गया है. इससे योजनाओं की गति पर कुंद पड़ सकती है. मंडल के रेल अधिकारियों का कहना है कि योजनाओं को जीवित रहने के लिए कुछ पैसे दे दिए गए हैं. इससे विकास संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में कोई भी योजना समय पर पूरी नहीं होगी.
जब योजनाएं समय पर पूरी नहीं होगी तो योजना की लागत राशि और बढ़ जायेगी. रेलवे सूत्रों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए जारी की गई फंड सूची में मंडल के दरभंगा- कुशेश्वर स्थान करीब 70.14 किलोमीटर की इस रेल परियोजना के लिए मात्र एक करोड़ रुपये दिए गए हैं, जबकि योजना 205 करोड़ की है. इसी तरह खगड़िया-कुशेश्वर स्थान 44 किलोमीटर रेल परियोजना के लिए 30 करोड़ रुपये का आवंटन दिया है,
जबकि योजना 541 करोड़ की है. सूत्रों ने बताया कि सबसे बुराहाल मुजफ्फरपुर- सीतामढ़ी 63 किलोमीटर रेल परियोजना की है. 559.20 करोड़ की इस योजना के लिए बोर्ड ने मात्र 20 लाख रुपये दिए हैं. सीतामढ़ी-जयनगर-निर्मली भाया सुसंद 188 किलोमीटर की इस रेलपरियोजना के लिए मात्र एक करोड़ रुपये दिए गए हैं,
जबकि योजना 2393 करोड़ की है. मुजफ्फरपुर-कटरा भाया जनकपुररोड 66.55 किलोमीटर की इस परियोजना के लिए भी मात्र एक करोड़ रुपये दिए गए हैं, जबकि इस योजना की भी लागत राशि 228 करोड़ रुपये है. मुजफ्फरपुर- दरभंगा 66.9 किलोमीटर की इस रेल परियोजना के लिए भी मात्र एक करोड़ रुपये दिए गए हैं. योजना 281 करोड़ की है. मानसी-सहरसा-दौरा मधेपुरा-पूर्णिया कोर्ट 143 किलोमीटर आमान परिवर्तन योजना के लिए 40 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि इस योजना पर 477 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.