समस्तीपुरः पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल अंतर्गत 19 अगस्त 2013 को राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आकर 37 लोगों की मौत हो गयी थी. इस हादसे का कारण रेल राज्यमंत्री ने लोगों की लापरवाही को बताया है. इसका खुलासा घटना के कारणों को लेकर पूरी हुई रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में हुआ है.
तमिलनाडु से राज्यसभा सांसद सह डीएमके नेता डॉ. केपी रामालिंगम ने संसद में इलाहाबाद और बिहार के धमारा घाट रेलवे स्टेशन पर दुर्घटनाओं को लेकर अपने सवाल रखे थ़े रेल राज्यमंत्री अधीर रंजन चौधरी ने जो जवाब दिया है, उसमें सीआरएस की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए धमारा घाट रेलवे स्टेशन दुर्घटना के लिए घटना का दोषी लोगों की लापरवाही को माना गया है. घटना के कारणों की प्रारंभिक जांच नगर विमानन मंत्रालय के अंर्तगत सीआरएस उत्तरी सर्किल द्वारा की गयी थी. सीआरएस का अंतिम निष्कर्ष यह निकला है कि धमारा घाट रेलवे स्टेशन पर 12567 सहरसा पटना राज्यरानी एक्सप्रेस की लोगों के चपेट में आने की यह घटना असामान्य है. लोगों की लापरवाही घटना का मुख्य कारण बनी.
सांसद डॉ. रामलिंगम ने पूछा था कि क्या घटना के पीछे रेलवे और राज्य सरकार के बीच समन्वय की कमी थी? इसके जवाब में रेलवे ने माना है कि उसके और राज्य सरकार के बीच समन्वय की कोई कमी नहीं है. बल्कि गर्मियों की भीड़, त्योहारों और मेला के दौरान रेल द्वारा संबंधित राज्य प्राधिकारियों के साथ विभिन्न स्तरों पर समन्वय तथा संपर्क रखा जाता है.. गौरतलब है कि धमारा घाट रेलवे स्टेशन के समीप मां कात्यायनी का मंदिर है., जहां प्रत्येक बुधवार को विशेष पूजा अर्चना होती है. इसमें आसपास इलाके के साथ नेपाल से भी लोग आते हैं.
क्या था आरोप
19 अगस्त 2013 को इसी पूजा के लिए काफी संख्या में लोग समस्तीपुर सहरसा अप और डाउन पैसेंजर ट्रेन से पहुंचे थ़े लोग गाजे बाजे के साथ रेलवे लाइन क्रॉस कर रहे थे, तभी स्टेशन के लाइन नंबर दो पर सिग्नल दे दिया गया. राज्यरानी एक्सप्रेस आ गयी. इसकी चपेट में आकर 37 लोगों की जान चली गयी. घटना के बाद यह बात सामने आयी थी की पूर्व मध्य रेलवे की ओर से मेला के दौरान उपरोक्त रेल खंड पर खतरा होने के बावजूद राज्यरानी एक्सप्रेस को अधिक स्पीड में पास की.