समस्तीपुर : इस्लाम का नाम शांति है. मुसलमान आतंक का बीज पैदा नहीं कर सकता है और जो ऐसा करता है वह मुसलमान नहीं हो सकता है.ईद मिलादुन नबी के अवसर पर तकरीर करते हुये जामिया मखदुमिया तेगिया मोइनुल उलुम के कारी मो. मोतीउर रहमान अशरफी ने कहा.
लोगाें को अमन व भाईचारे का संदेश देते हुये उन्होंने कहा कि मुसलमान इस पावन दिन की अहमियत समझें. और पैगंबर इस्लाम की सुन्नत पर अमल करने की अहद करें. ऐसे लोग जो नबी की शान में गलत बातें कहते है उन्हें कड़ी सजा देनी चाहिए.
जुलूस के माध्यम से मो. अतीकुर रहमान हैदरी, मुफ्ती व काजी एदार ए शरिया ने कहा कि दुनिया का हर मुसलमान अमन व अमान के माहौल में रहना चाहता है. और यह तभी संभव है जब हम पैगंबर इस्लाम के पैगाम को अपनी जिंदगी में उतार लें. आज मुसलमान हर जगह परेशान व बदहाली का शिकार हो रहे है.
इससे पहले प्रत्येक चौक चौराहे पर नबी की बातों को आम आदमी तक पहुंचाने के लिये उलेमाओं ने तकरीरे की. पैंगंबर इस्लाम हजरत मोहम्मद के जन्म दिवस के मौके पर शहर में जुलूसे मोहम्मदी निकाली गयी. इसकी शुरुआत मखदुमनगर से की गयी.शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुये नबी की गुंज के साथ बड़ी संजीदगी से गुजारी.
बतातें चलें कि इस जुलूस में जिला के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों ने हिस्सा लिया. इसमें मदरसे गौसिया, जामा मस्जिद, अशरफनगर, गोपालपुर, लदौरा, मोरसंड, गोपालपुर वैनी, कल्याणपुर,मंजिल मुबारक, आदि जगहों से लोग शामिल हुये.
इस अवसर पर मौलाना बरकत अली अशरफी, मौलाना गुलाम मुक्तदा रिजवी, मौलाना गुलाम रब्बानी, कारी मो. हैदर अली ,हाफिज मो. आफताब आलम, आरिफ हसन, अफजल हुसैन अशरफी, मुर्तजा अंसारी, शेरअली अंसारी, शहाबुद्दीन आदि शामिल थे. सरायरंजन में खेतापुर गांव से जुलूस निकाला गया. जो कि नरघोघी आदि पंचायतों में घुमा. इस अवसर पर इमाम मो. तौफिक आलम अशरफी, मो. महमूद, अलाउद्धीन, सौहेल, शंब्बीर अंसारी, अयुब, अनीस आदि शामिल थे.