समस्तीपुर : स्कूल पूर्व शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को साफ व स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना कड़ी चुनौती साबित हो रही है़ वाटर फिल्टर की राशि देने के बाद अभी भी एक चौथाई परियोजनाआें में इसकी खरीद नहीं हो सकी है़ विशेषकर पूसा व विभूतिपुर बाल विकास परियोजनाओं में वाटर फिल्टर की खरीद की रफ्तार […]
समस्तीपुर : स्कूल पूर्व शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को साफ व स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना कड़ी चुनौती साबित हो रही है़ वाटर फिल्टर की राशि देने के बाद अभी भी एक चौथाई परियोजनाआें में इसकी खरीद नहीं हो सकी है़ विशेषकर पूसा व विभूतिपुर बाल विकास परियोजनाओं में वाटर फिल्टर की खरीद की रफ्तार काफी धीमी है़
वहीं समस्तीपुर ग्रामीण परियोजना में आधी से अधिक केंद्रों पर वाटर फिल्टर की खरीद नहीं की जा सकी है़ जिससे यहां बच्चें साफ व स्वच्छ पेयजल के लिये तरस रहे है़ वाटर फिल्टर की खरीदारी के लिये आंगनबाड़ी सेविकाओं के खाते में सरकार की ओर से सीधे राशि भेजी गयी थी़
इसके लिये प्रत्येक केंद्र को विभाग की ओर से 6265 रुपये की राशि भेजी गयी थी़ इसमें वाटर फिल्टर के साथ ही तौल मशीन, ग्रोथ चार्ट, गरम पानी की व्यवस्था सेविकाओं को केंद्र पर उपलब्ध कराना था़ वाटर फिल्टर की खरीद के लिये कई सेविकाओं ने इस राशि को कम बताया था़ जिसके बाद खरीद की प्रक्रिया कई माह तक अटकी रही है़
बच्चे गंदे पानी
पीने को विवश
3580 संचालित केंद्रों में से 2831 केंद्रों पर सेविकाओं ने फिल्टर खरीदने की जानकारी विभाग को दी़ हालांकि जमीनी स्तर पर अधिकांश केंद्रों पर वाटर फिल्टर अभी भी रखा नहीं गया है़ जिसके कारण बच्चे गंदे पानी को ही पीने के लिये विवश है़ समस्तीपुर ग्रामीण बाल विकास परियोजना के 290 केंद्रोंं में से 120 केंद्रों पर ही वाटर फिल्टर की खरीद की जा सकी है़ विभूतिपुर में 59 व पूसा में इसका आकरा मात्र 86 है़
विभाग ने खरीदे गये वाटर फिल्टर को केंद्रों पर रखने का आदेश दिया है़ डीपीओ प्रवीण कुमार ने कहा कि वाटर फिल्टर को केंद्राें पर उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है़ बता दें कि 19 दिसंबर को होने वाली समाजिक अंकेक्षण में वाटर फिल्टर की उपलब्धता की जांच की जायेगी़