समस्तीपुरः पंचायत शिक्षक नियोजन प्रक्रिया के दौरान फर्जीवाड़ा करने का मामला प्रकाश में आया है. मामला मोहिउद्दीननगर प्रखंड के सवैसिंगपुर पंचायत से जुड़ा है. जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार में जब मामला पहुंचा तो फर्जीवाड़ा से जुड़े परत दर परत का खुलासा हो सका. प्राधिकार के आदेश की अनदेखी करते हुए अब तक न्याय संगत कार्रवाई नहीं हो सकी है.
जानकारी के अनुसार पंचायत शिक्षक नियोजन के तहत वर्ष 2012 में टीइटी उत्तीर्ण आवेदक राकेश कुमार व विकास कुमार ने 5 सितंबर 2012 को पंचायत भवन सवैसिंगपुर में नियुक्त शिक्षक संजय ठाकुर के पास आवेदन जमा किया. जब औपबंधिक मेधा सूची का प्रकाशन किया गया तो उक्त दोनों आवेदकों ने पंचायत सचिव नवीन ठाकुर के पास आपत्ति दर्ज करायी. बावजूद मेधा सूची में नाम शामिल नहीं किया गया. मामला जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार में पहुंचा. जहां शिक्षक संजय ठाकुर ने बताया कि दिनांक 16 अगस्त से 31 सितंबर 2012 के बीच मात्र 42 आवेदन ही दिये गय़े
उक्त दोनों आवेदकों ने आवेदन जमा नहीं किया. फर्जी प्राप्ति रसीद प्रस्तुत कर रहें. जिस पर मेरा हस्ताक्षर नहीं है. जब मूल आवेदन पंजी, मेधा सूची व शिक्षक संजय ठाकुर के हस्ताक्षर का अवलोकन किया गया तो अपीलीय प्राधिकार के सदस्य विमल कांत सिंह ने आदेश पत्र में अंकित किया कि शिक्षक का हस्ताक्षर समरूप है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय बहादुरचक नंदनी में कार्यरत शिक्षक संजय ठाकुर अधिक मेधा अंक वाले बीसी कोटि के आवेदन को विलुप्त कर कम मेधा अंक वाले अभ्यर्थी धीरज कुमार को सूची में शामिल किया. कार्रवाई करते हुए अपीलीय प्राधिकार ने नियोजन इकाई को नियोजित शिक्षक का नियोजन रद्द करते हुए फिर से मेधा सूची बना कर सही आवेदकों को शामिल करने एवं पंचायत भवन सवैसिंगपुर में नियुक्त शिक्षक संजय ठाकुर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया. कार्रवाई के प्रति शिथिलता देख राकेश ने डीएम के जनता दरबार में गुहार लगायी. जहां डीडीसी ने पूरे मामले की जांच कर डीपीओ स्थापना को कार्रवाई करने का आदेश दिया है.