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हर महीने 300 चापाकलों की जांच

समस्तीपुर : पेयजल जांच की रफ्तार को और भी तेज करने के लिये अब हरेक जांच प्रयोगशाला के लिये नमूनों की जांच की सीमा तय कर दी है. अब प्रत्येक प्रयोगशाला को कम से कम 300 चापाकलों के जल की जांच प्रत्येक माह करनी होगी. औसतन 10 चापाकलों की जांच रोजाना होगी. इसके साथ ही […]

समस्तीपुर : पेयजल जांच की रफ्तार को और भी तेज करने के लिये अब हरेक जांच प्रयोगशाला के लिये नमूनों की जांच की सीमा तय कर दी है. अब प्रत्येक प्रयोगशाला को कम से कम 300 चापाकलों के जल की जांच प्रत्येक माह करनी होगी. औसतन 10 चापाकलों की जांच रोजाना होगी. इसके साथ ही इन नमूनों के जांच का प्रतिफल भी ऑनलाइन दर्ज करना होगा.

तभी पेयजल जांच को मान्यता मिलेगी. जिला पेयजल जांच प्रयोगशाला के रसायनज्ञ संदीप कुमार भारती ने बताया कि इसके साथ ही विगत छह माह के लिये भी विभाग ने लक्ष्य तय कर दिया है. विगत अगस्त माह तक जिला जांच प्रयोगशाला ने 1200 चापाकलों के नमूनों की जांच की है. अब औसतन हर छह माह में कम से कम 1200 चापाकलों की जांच होगी. बताते चलें कि पेयजल जांच में सबसे अधिक नमूनों की कमी की समस्या आ रही है. जहां लोगों में पेयजल जांच के आयामों की जानकारी नहीं है. वहीं इसके फायदों से भी लोग अनभिज्ञ है.

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