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24 घंटे की हड़ताल पर रहेंगे चिकित्सक
समस्तीपुर : जिले के विभिन्न अस्पतालों में तैनात नियमित व संविदा पर नियुक्त चिकित्सक गुरुवार की सुबह आठ बजे से हड़ताल पर चले जायेंगे. चिकित्सकों की हड़ताल लगातार 24 घंटे तक जारी रहेगी. इसके कारण जिले की स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमराना तय माना जा रहा है. मरीजों को भारी परेशानी होगी. इस स्थिति […]
समस्तीपुर : जिले के विभिन्न अस्पतालों में तैनात नियमित व संविदा पर नियुक्त चिकित्सक गुरुवार की सुबह आठ बजे से हड़ताल पर चले जायेंगे. चिकित्सकों की हड़ताल लगातार 24 घंटे तक जारी रहेगी. इसके कारण जिले की स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमराना तय माना जा रहा है. मरीजों को भारी परेशानी होगी. इस स्थिति से निबटना जिले के स्वास्थ्य प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती होगी.
इसे भांप कर ही सिविल सर्जन डॉ गिरींद्र शेखर सिंह ने पहले ही अहतियाती कदम उठाना शुरू कर दिया है. बावजूद इसके परेशानियां कम होती नहीं दिख रही है. क्योंकि बिहार हेल्थ सर्विस एसोसिएशन के बैनर तले आयोजित इस हड़ताल में डेंटिस्ट व आयुष चिकित्सक भी अपनी भागीदारी निभा रहे हैं.
इस स्थिति में स्वास्थ्य प्रशासन ने प्राथमिक, अनुमंडल व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात वैसे डाक्टरों की सेवा लेने का फैसला किया है संविदा के आधार पर नियुक्त हैं. जिन्हें इस हड़ताल से कोई लेना देना नहीं है. सदर, अनुमंडल व रेफरल अस्पतालों की इमरजेंसी सेवा इन्हीं डाक्टरों के हवाले करने का निर्णय लिया गया है.
बावजूद इसके अंत्यपरीक्षण, प्रसव व जख्म प्रतिवेदन को लेकर समस्या खड़ी रहने की प्रबल संभावना बनी हुई है. बहरहाल यह तो गुरुवार को ही पता चल पायेगाकि सेहत विभाग की तैयारी चिकित्सकों की हड़ताल से मरीजों को कितना कम प्रभावित होने दे पाने में कामयाब हो सकी.
मांगों को ले दबाव बनाने के मूड में डॉक्टर
इधर, हड़ताल को शत प्रतिशत सफल बना कर अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव डालने को लेकर भाषा के बैनर तले चिकित्सक भी दो टूक के मूड में नजर आ रहे हैं. बताया गया है कि भाषा से जुड़े डाक्टरों ने बुधवार को सदर अस्पताल के ओपीडी भवन में बैठक की.
अध्यक्षता करते हुए भाषा के जिला सचिव डॉ एबी सहाय ने सफलता में चिकित्सकों से भरपूर सहयोग मांगा है. बैठक में सदर अस्पताल के डीएस डॉ श्याम मोहन दास, डॉ विभाष रंजन, डॉ सुधा वर्मा, डॉ जेएल साहू, डॉ आरसीएस वर्मा समेत कई अन्य डाक्टर शामिल थे.
भाषा सचिव डॉ सहाय ने चिकित्सकों की मांगों का जिक्र करते हुए बताया कि डॉक्टर सरकार से बार बार फोर्थ डायनेमिक एसीपी, सभी संविदा चिकित्सकों को नियमित करने, प्रमोशन देने और निदेशालय की ओर से सृजित करीब 17 सौ पदों पर वरीयता के आधार पर बहाली करने की मांग कर रही है. इसे राज्य सरकार नजरअंदाज कर रही है. जिससे चिकित्सकों के सामने हड़ताल के अलावा और कोई दूसरा चारा नहीं है.
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