मोहिउद्दीननगर : प्रखंडाधीन कई प्राथमिक शिक्षा प्रदाता विद्यालयों में छात्र शिक्षक अनुपात में राष्ट्रीय मानक के अनुरूप मापदंड नहीं अपनाने से बुनियादी शिक्षा की नींव हिलती नजर आ रही है़ लोगों के सामने यह प्रश्न उठ खड़ा हो रहा है कि जब बच्चों की बुनियाद कमजोर होगी, तो उसका भविष्य कैसा होगा़ यूं तो सरकार अपने संसाधनों की बदौलत बुनियादी शिक्षा के ढांचों को मजबूत करने की कवायद में लगी है़ लेकिन प्रखंड के कुछेक पंचायत को छोड़कर छात्र शिक्षक अनुपात में एकरूपता नजर नहीं आ रही है़
प्रखंड क्षेत्र के 120 प्राथमिक शिक्षा प्रदाता विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या करीब 35 हजार बतायी जा रही है़ मोहिउद्दीननगर उत्तर, मोहिउद्दीननगर दक्षिण, कल्याणपुर बस्ती पूरब, मदुदाबाद व तेतारपुर पंचायतों में छात्र शिक्षक अनुपात करीब-करीब राष्ट्रीय मानक के अनुरूप संचालित हैं. प्रखंड मुख्यालय से दूर दियारांचल की पंचायतों में शिक्षक छात्र अनुपात राष्ट्रीय मानक से काफी दूर है़ ऐसी स्थिति में बच्चों की भविष्य की इबारत शिक्षकों की कमी से कैसी गढ़ी जा सकती है. यह प्रश्न अभिभावकों के मन में कौंधता है़ यह दीगर बात है कि विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात की जाती है़
लेकिन धरातल पर कुछ अलग ही नजर आ रही है़ सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत इन विद्यालयों में छात्र शिक्षक अनुपात में काफी अंतर होने के कारण विद्यालय की दैनदिनी कार्य एमडीएम के इर्द-गिर्द ही सिमट कर रह जाती है़ वैसी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से गुणवत्तापूूर्ण बच्चों को शिक्षा देना ग्रहण लगता दिख रहा है.