गतिरोध. अतिक्रमण से शहर की अधिकांश सड़कें हो रही संकीर्ण
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दावे फेल, जाम से बेदम हैं लोग
गतिरोध. अतिक्रमण से शहर की अधिकांश सड़कें हो रही संकीर्ण जाम शहर की स्थायी समस्या बन गयी है. अतिक्रमण से संकरी सड़कों पर वाहनों का बेतरतीब आवागमन जाम का कारण बनता है. एेसे में यातायात पुलिस की लापरवाही अौर परेशानी का सबब बन जाती है. सहरसा : शहरवासियों को हर दिन जाम से जूझना नियति […]
जाम शहर की स्थायी समस्या बन गयी है. अतिक्रमण से संकरी सड़कों पर वाहनों का बेतरतीब आवागमन जाम का कारण बनता है. एेसे में यातायात पुलिस की लापरवाही अौर परेशानी का सबब बन जाती है.
सहरसा : शहरवासियों को हर दिन जाम से जूझना नियति बन गयी है. शहर की आधी सड़कों पर ठेला, फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा रहता है. इस कारण शहर में जाम की समस्या से निजात नहीं मिल रही है. शहर के गंगजला, बस स्टैंड, प्रशांत मोड़, वीआइपी रोड, शंकर चौक, थाना चौक, गांधी चौक आदि जगहों पर हर दिन जाम के कारण लोगों को जूझना पड़ता है. जाम की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों व महिलाओं के समक्ष देखी जाती है. शहर में जाम के कारण दो किलोमीटर की दूरी तय करने में लोगों को इस सर्दी के मौसम में भी पसीने छूट रहे हैं.
नगर में पार्किंग बनाने की मुहिम पड़ी ठंडी : विगत माह पहले पार्किंग व्यवस्था कराने की मांग उठी थी जिसे पुलिस ने बैंकों के सामने अस्थाई व्यवस्था कर शुरु भी करवाया लेकिन अब हालात जैसे के तैसे है. कुछ बैंकों के सामने चूना डालकर अस्थाई पार्किंग की व्यवस्था करने के बेरीकेड्स भी लगाए गए थे. लेकिन लगातार ध्यान नहीं देने से हालात सुधर नहीं पा रहे हैं. स्थितियां जस की तस बनी हुई है. जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.
डिवाइडर निर्माण भी अधूरा: थाना चौक से शंकर चौक तक मुख्य बाजार में शुरु कराये गये डिवाइडर निर्माण के कार्य को अभी तक अधूरा रखा गया है. इस वजह से राहगीरों को काफी परेशानी हो रही है. डिवाइडर निर्माण से पूर्व नगर परिषद द्वारा सड़क किनारे दुकानदारों द्वारा किये गये अतिक्रमण को खाली कराने की बात भी कही गयी थी. लेकिन अतिक्रमण को जस के तस छोड़ दिया गया है.
जाम से निकलने में चालकों के छूट जाते हैं पसीने
शहर के मुख्य चौराहे पर लगा सड़क जाम.
पुलिस के पास भी नहीं है साधन
तमाम दावों के बावजूद शहर की सड़कों से जाम की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. नगर परिषद, पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कई बार इस मुद्दे पर बैठक कर कागजी कार्रवाई की है, लेकिन जाम की समस्या बढ़ती जा रही है. शहर के उन मार्गों पर जाम रहता है जहां से बड़े अधिकारी लगभग हर रोज गुजरते हैं. रोजाना हर घंटे के बाद जाम की स्थिति बन रही है. यातायात पुलिस के पास ऐसा कोई उपकरण नहीं हैं, जो सड़कों के बीच में खड़े वाहनों को वहां से हटा दे. जाम के कारण पूरा दिन शहर वासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जाम में लोगों को होती है परेशानी.
अतिक्रमण हटाने में नगर परिषद पड़ा सुस्त
शहर में जगह-जगह फैली ठेला वेंडरों को हटाने के लिए नगर परिषद प्रशासन ने दो-तीन माह पहले अभियान चलाया था. कुछ लोगों पर जुर्माना भी किया गया था. उसके बाद भी माइक से घोषणा भी की गई थी कि सड़क किनारे ठेला व अन्य दुकानें लगाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. लेकिन यह आदेश कागजों में ही सिमट कर रह गया. फिर से शहर में इन वेंडरों का साम्राज्य कायम हो गया है.
चौक-चौराहों पर ठेला वेंडरों का साम्राज्य
शहर के सभी चौक-चौराहा पर ठेला वेंडरों का साम्राज्य कायम है. जहां कहीं भी जगह मिली ये ठेला वेंडर अपना कब्जा जमा लेते हैं. ठेला वेंडरों के कारण चौड़ी सड़के व रास्ते भी संकीर्ण होकर सिमटती जा रही है. इन सड़कों से इन्हें हटाना प्रशासन के लिए भी टेढ़ी खीर है. कारण इन्हें स्थायी जगह भी आज तक उपलब्ध नहीं कराई गई है.
चाय-पान की दुकानों पर ज्यादा भीड़
शहर के मुख्य बाजार डीबी रोड व दहलान चौक में चाय की दुकानों पर सबसे अधिक संख्या में भीड़ जमा होती है. जहां लोग सड़क पर वाहन खड़ी कर देते है. अवैध पार्किंग होने के कारण जाम लगता है. लेकिन लोगों को हो रही परेशानी का समाधान नहीं किया जा रहा है.
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