सहरसा : कला भवन में आयोजित तीन दिवसीय कोसी सांस्कृतिक महोत्सव के दूसरे दिन प्रसिद्ध लेखक नागार्जुन एवं गोरख पांडे की कविता को संजीव ने नाट्य आलेख तैयार किया था. जिसे विभा रानी ने नाट्य रूपांतरण कर राजेंद्र जोशी के निर्देशन व प्रियदर्शन पाठक के संगीत परिकल्पना में नौरंगी नटनी नाटक की खुबसूरत प्रस्तुति देने […]
सहरसा : कला भवन में आयोजित तीन दिवसीय कोसी सांस्कृतिक महोत्सव के दूसरे दिन प्रसिद्ध लेखक नागार्जुन एवं गोरख पांडे की कविता को संजीव ने नाट्य आलेख तैयार किया था. जिसे विभा रानी ने नाट्य रूपांतरण कर राजेंद्र जोशी के निर्देशन व प्रियदर्शन पाठक के संगीत परिकल्पना में नौरंगी नटनी नाटक की खुबसूरत प्रस्तुति देने में सफल रही.
विभा रानी की एकल प्रस्तुति में एक राजा व एक नटनी के प्रति चाहत व प्रेम को दिखाया गया. नटनी के प्रति राजा की चाहत व राजा के साथ एक साधारण नटनी के संबधों को लेकर नटनी के मन में राजा के प्रति एक समय के लिए चाहत, फिर मन में उपजे अंतर्द्वंद जैसी कहानी पर केंद्रित नौरंगी नटनी नाटक में विभा रानी की सशक्त अभिनय के कई रूपों में देख दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने नाटक मंचन का भरपूर आनंद उठाया. नाटक में वस्त्र विन्यास माला डे का था. संगीत संचालन चंदन झा ने किया.
मुंशी प्रेमचंद के पंच परमेश्वर ने न्याय के भरोसा को किया कायम
सहरसा इप्टा के रंगकर्मियों ने प्रेमचंद लिखित व रमेश कुमार पासवान निर्देशित पंच परमेश्वर नाटक का सफल मंचन किया. नाटक में समाज में फैल रही कुरीति व झूठ फरेब को लेकर पंचायत की सामाजिक परंपरा को बखूबी नाटक के जरिये प्रस्तुत करने का काम किया. समाज में पनप रहे वाद विवाद के निपटारे की खातिर पंचायतों पर टिकी लोगों की उम्मीद व पंच परमेश्वर पर विश्वास को इस नाटक में बखूबी तरह प्रस्तुत किया गया. नाटक के पात्रगत भूमिका में बंटी, आनंद झा, कंचन, प्रिंस आनंद साक्षी, रंजीत, शालिनी, पूर्णिमा, पंकज, अविनाश, शुभम; गौतम ने अपने सशक्त अभिनय की छाप छोड़ी. नाटक में संगीत एस एस हिमांशु का व रूप सज्जा अनिल कुमार का था. जबकि दृश्य संयोजन राजन कुमार का था. वहीं महोत्सव के दूसरे दिन भी असम व त्रिपुरा के लोक कलाकारों के दल ने अपनी लोक संस्कृति पर अधारित कई नृत्यों की प्रस्तुति से दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी. इनकी प्रस्तुति से भारत की विविध लोक कला, लोक संस्कृति से कोसी क्षेत्र के लोग रूबरू हुए. मंच संचालन महोत्सव के संयोजक राजन कुमार द्वारा किया गया. मौके पर इप्टा के प्रदेश सचिव मो फिरोज अशरफ ने इस तरह के आयोजन को सांस्कृतिक आंदोलन बताया.