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चार दिसंबर तक चलेगा नसबंदी पखवाड़ा

पुरुषों पर भारी नारी नगण्य होती है नसबंदी करानेवालों की संख्या महिलाएं ही कराती हैं बंध्याकरण अॉपरेशन सिमरी बख्तियारपुर : महिलाओं को पुरुषों के बराबर लाने की कवायद जारी है. कई सरकारी योजनायें विशेष रूप से महिलाओं के विकास को ध्यान में रखकर ही बनायी जा रही है. वहीं सिमरी बख्तियारपुर में परिवार नियोजन की […]

पुरुषों पर भारी नारी

नगण्य होती है नसबंदी करानेवालों की संख्या
महिलाएं ही कराती हैं बंध्याकरण अॉपरेशन
सिमरी बख्तियारपुर : महिलाओं को पुरुषों के बराबर लाने की कवायद जारी है. कई सरकारी योजनायें विशेष रूप से महिलाओं के विकास को ध्यान में रखकर ही बनायी जा रही है. वहीं सिमरी बख्तियारपुर में परिवार नियोजन की जिम्मेवारी महिलाओं के कंधे पर ही दिख रही है. सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद पुरुष नसबंदी के आंकड़ों में सुधार नहीं आ रहा.
नसबंदी का हाल बेहाल
सिमरी बख्तियारपुर में वित्तीय वर्ष 2015-16 में पुरुषों द्वारा नसबंदी कराये जाने की संख्या शून्य रही. वहीं, महिलाओं की बंध्याकरण संख्या 1392 थी. इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2016-17 में एक भी पुरुषों ने नसबंदी नहीं कराया. जबकि, महिलाओं की संख्या अक्तूबर तक 538 है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि महिलाओं की अपेक्षा परिवार नियोजन की दिशा में पुरुषों की दिलचस्पी शून्य है.
शुरू हो चुका है पखवाड़ा
पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार द्वारा पूरे जिला भर में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा शुरू हो चुका है. जो 21 नवंबर से 4 दिसंबर तक मनाया जायेगा. राज्य स्वास्थ्य समिति स्तर से परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने को लेकर यह पहल की गयी है. इस अभियान में ‘परिवार नियोजन में साझेदारी, अब पुरुषों की भागीदारी’ स्लोगन दिया गया है. इस पखवाड़े के दौरान पुरुष नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को दो हजार और उत्प्रेरक को तीन सौ रुपये दिये जायेंगे. वहीं 28 नवंबर से चार दिसंबर तक नसबंदी सप्ताह के दौरान सौ रूपये की राशि उत्प्रेरक को अतिरिक्त दी जायेगी.
सफल करेंगे पखवाड़ा
इस सम्बंध में सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक एनके सिंह ने बताया कि पुरुष नसबंदी ज्यादा से ज्यादा हो, इसकी तैयारी जोरों पर है. प्रयास है कि परिवार नियोजन की दिशा में पुरुषों की भागीदारी भी बढ़े, इस दिशा में कार्य किया जा रहा है. वहीं पुरुष नसबंदी पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए विभाग ने कमर कस ली है. अभियान को लेकर आशा, आंगनबाड़ी सेविका, विकास मित्र व जीविका सहेली मोटिवेटर की भूमिका में रहेंगे. इसमें पल्स पोलियो कार्यकर्ता का भी सहयोग लिया जायेगा. साथ ही अभियान में पंचायत के मुखिया का भी सहयोग लिया जायेगा.
महिलाएं बंध्याकरण में आगे
पुरुष नसबंदी :कुछ जानकारी
* पुरुषों के लिए परिवार नियोजन का स्थायी उपाय पुरुष नसबंदी है.
* यह बिना चीरा-टाका का दस मिनट में होने वाला अत्यंत ही सरल ऑपरेशन है.
* ऑपरेशन के आधे घंटे के बाद लाभार्थी घर जा सकते हैं.
* दो दिनों के बाद से लाभार्थी सामान्य रूप से दैनिक कार्य कर सकते हैं.
* ऑपरेशन के बाद भी मर्दानगी और जोश पहले जैसा बना रहता है.

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