कई घटनाओं के बाद भी पुलिस की कार्रवाई सुस्त, शहरवासी परेशान
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बाइक सवार झपटमार गिरोह का आतंक
कई घटनाओं के बाद भी पुलिस की कार्रवाई सुस्त, शहरवासी परेशान सहरसा : कुछ दिन झपटमार गिरोह के आतंक से शांत रहने वाले शहर पर इन दिनों फिर से झपटमार की नजर चढ़ गयी है. लगातार लोगों के परिश्रम की कमाई को वह अपना बना रहा है. बावजूद पुलिस प्रशासन सुस्त पड़ी हुई है. लोग […]
सहरसा : कुछ दिन झपटमार गिरोह के आतंक से शांत रहने वाले शहर पर इन दिनों फिर से झपटमार की नजर चढ़ गयी है. लगातार लोगों के परिश्रम की कमाई को वह अपना बना रहा है. बावजूद पुलिस प्रशासन सुस्त पड़ी हुई है. लोग थाना में मामला दर्ज करा जहां अपनी औपचारिकता पूरी कर रहे हैं. वहीं पुलिस मामला दर्ज कर अनुसंधान के नाम पर लोगों को ढ़ांढ़स बांधने में लगे हैं. इससे जहां लोगों की विश्वास पुलिस प्रशासन से उठ रहा है.
वहीं अपराधी पुलिस को चुनौती देते लोगों की कमाई पर हाथ साफ कर रहे हैं. लोग अब बैंक से पैसा निकालने व जमा करने के लिए कुछ लोगों को साथ लेकर जाने लगे हैं. शहर में इन दिनों घटी घटना के बाद लोग अकेले बैंक जाने से डर रहे हैं. वहीं पुलिस हाथ पर हाथ घरे बैठी है.
लोगों का ध्यान भटका देता है: गिरोह में शामिल युवकों के पास एक चाभी रहता है,
जिसका उपयोग ये लोग डिक्की तोड़ने में करते हैं. इसके अलावे बैंक से भारी रकम निकालने वालों का ध्यान भटकाने के लिए कई तरह के नुस्खे का इस्तेमाल करते हैं. पैसा छीनने के लिए ये लोग एक पाउडर का भी इस्तेमाल करता है. जो चलती बाइक से लोगों के शरीर पर छिड़क देता है. पाउडर छिड़कने के बाद लोग अपने शरीर को खुजलाने लगता है. इसी दौरान ये लोग अपने कार्य को अंजाम देकर निकल जाते हैं.
डेढ़ वर्ष पूर्व पकड़ाया था बदमाश: सदर थाना पुलिस ने जिला मुख्यालय के बैंक शाखाओं में सक्रिय झपटमार गिरोह के दो सदस्यों को कचहरी परिसर से एक बाइक के साथ गिरफ्तार करने में वर्ष 2015 में सफलता प्राप्त की थी. पकड़ाये युवकों ने पूछताछ में खुद को कटिहार जिले के कोढ़ा थाना क्षेत्र के जुड़ांवगंज निवासी अमन कुमार व प्रकाश यादव बताया था. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर मुख्य शाखा के पास से दोनों को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में उसने कई जगहों पर घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की थी.
गिरोह के सदस्य बैंक से ही करते हैं रेकी
सूत्रों के अनुसार बैंक शाखाओं से पैसे निकाल कर जाने वालों को ये लोग अपना निशाना बनाते हैं. हाल के कुछ महीनों में घटित घटना इसको साबित करती है. गिरोह के सदस्य बैंक में झूठ का फॉर्म भर कर रहता है ताकि किसी को शक ना हो. यदि किसी को शक हुआ तो पैसा जमा करके आने की बात कह मौका देख रफ्फू चक्कर हो जाता है.
लेकिन जब तक ये बैंक के अंदर रहता है इनलोगों की नजर बैंक आने वाले बुजुर्ग व महिलाओं पर रहती है. पैसा निकासी के बाद ये लोग उसका पीछा करना शुरू कर देते हैं. रास्ते में जब जहां मौका मिला, झोला झपट व डिक्की तोड़ चम्पत हो जाता है. बैंक से लेकर रजिस्ट्री ऑफिस में भी गिरोह के सदस्य सक्रिय रहते हैं. जमीन निबंधन कराने आने वाले को अपना शिकार बनाते हैं.
हाइस्पीड बाइक का उपयोग
गिरोह के सदस्य घटना को अंजाम देने व भागने के लिए हाइ स्पीड बाइक का इस्तेमाल करते हैं. ताकि पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके. कुछ सदस्य बैंक के बाहर रह बाहरी लोगों पर नजर रखता है तो कुछ बैंक के अंदर लोगों को चिन्हित करता है. बाहरी जिले का होने के कारण स्थानीय पुलिस व आमलोगों को जल्दी पहचान में नहीं आता है. जिसका फायदा ये लोग बेहिचक उठाते है
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हाल में हुई घटनाएं
28 सितंबर: सदर थाना क्षेत्र के गंगजला चौक पर रिटायर्ड सुपरवाइजर आभा कुमारी से उचक्कों ने झोला काट 34 हजार उड़ा लिया.
27 सितंबर: सदर थाना क्षेत्र के कहरा कुटी के समीप एक फाइनेंस कर्मी के बाइक की डिक्की को तोड़ एक लाख से अधिक रुपया उड़ा लिया था. पीड़ित टाटा मोटर्स से जुड़े थे.
22 सितंबर: सदर थाना क्षेत्र के दो विभिन्न जगहों पर दिनदहाड़े बदमाशों ने पुलिस को खुली चुनौती देते चोरी की घटना को अंजाम देते 99 हजार उड़ा लिया था. संजय गांधी उद्यान के पास उचक्कों ने बरियाही निवासी अजय पाठक की बाइक की डिक्की तोड़ 50 हजार उड़ा लिया. वहीं सुपर बाजार रोड से पुरीख निवासी रघुवंश सिंह का झोला काट49 हजार उड़ा लिया था.
12 सितंबर: दिन दहाड़े शहर के मारूफगंज मोड़ के समीप लाल रंग की ग्लैमर पर सवार दो अज्ञात अपराधियों ने एक्सिस बैंक में रुपये जमा करने जा रहे महावीर चौक के नामचीन प्रतिष्ठान बंका ब्रदर्स के स्टाफ से लाखों की रकम लूट ली थी.
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