बालिका गृह की अध्यक्ष ने सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई को समिति अध्यक्ष के विरुद्ध लिखा पत्र
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महिला कर्मियों से गलत व्यवहार करने का आरोप
बालिका गृह की अध्यक्ष ने सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई को समिति अध्यक्ष के विरुद्ध लिखा पत्र दुर्व्यवहार से तंग दो कर्मी दे चुकी हैं त्यागपत्र सहरसा : बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष पर बालिका गृह की महिला कर्मियों के साथ गलत व्यवहार करने का एक मामला प्रकाश में आया है. बाल संरक्षण इकाई के […]
दुर्व्यवहार से तंग दो कर्मी दे चुकी हैं त्यागपत्र
सहरसा : बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष पर बालिका गृह की महिला कर्मियों के साथ गलत व्यवहार करने का एक मामला प्रकाश में आया है. बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक को पत्र लिख बालिका गृह की अधीक्षिका कविता चौधरी ने शिकायत की है. दिये पत्र में उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष का बालिका गृह के महिला कर्मचारियों के साथ काफी आपत्तिजनक स्तर तक पहुंच गया है. वह महिला कर्मचारियों को बालिका के वाद में अग्रतर कार्रवाई के नाम पर घंटो अपने कार्यालय में बैठने को मजबूर करते हैं. अधीक्षिका ने कहा कि स्थिति इतनी बिगड़ गयी है कि बालिका गृह की दो महिला कर्मी अध्यक्ष के दुर्व्यहार से तंग आकर त्यागपत्र दे चुकी है.
स्थिति यह है कि गृह की महिला कर्मी आवश्यक कार्य के लिये भी बाल संरक्षण इकाई कार्यालय जाने से डरती है. अध्यक्ष ने कहा कि इन्होंने पूर्व में गृह में कम बच्ची आवासित थी. अब काफी अधिक है. जिसके कारण बचत ज्यादा होती है. जिसमें मुझे हिस्सेदार बनाये, वरना गृह के विरूद्व इस तरह की कार्रवायी आगे भी चलती रहेगी. आप हमारा ख्याल रखे तो हम र्भी आपको परेशान नही करेंगे. अधीक्षिका ने कहा कि बाल कल्याण समिति की बैठक के लिये गृह में एक कमरे को सुसज्जित किया गया है, ताकि बालिकाओं से संबंधित कार्य किया जा सके. बालिकाओं को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के लिये ले जाने में रास्तों में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अप्रिय घटना की भी आशंका बनी रहती है.
वे दो माह से मेडिकल लीव पर है. यह मामला मेरे अनुपस्थित कार्यकाल का है. पूरी जानकारी चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर से ले सकते है.
अनिल पटेल, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई
अध्यक्ष द्वारा शिकायत की गयी है. कुछ दिन पूर्व बैठक कर दोनों के बीच आपसी समन्वय बना दिया गया था. बच्चों को प्रस्तुत करने को लेकर दोनों के बीच विवाद है. जिस समय बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चों को प्रस्तुत करने को कहा गया था. उस समय दो बच्ची जो मेरे समक्ष पीएमसीएच भेजा गया था और गृह में भी कुछ बच्ची बीमार थी. नियमानुसार यदि गृह द्वारा बच्ची को प्रस्तुत नही किया जाता है तो बाल कल्याण समिति को गृह का निरीक्षण करना है. लेकिन बाल कल्याण समित द्वारा ऐसा नही किया गया.
भाष्कर कश्यप, सीपीओ
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