सहरसा : शराबबंदी के साथ ही पियक्कड़ों को शराब की लत छुड़ाने के लिए सदर अस्पताल में नशामुक्ति केंद्र खोला गया. शुरू के एक-दो माह तक यह केंद्र पियक्कड़ों से भरा पड़ा था. जैसे-जैसे दिन बीतता गया, यहां भरती होने वाले शराबियों की संख्या में कमी आती गयी. बाद में ऐसी स्थिति हो गयी कि वहां तैनात दो चिकित्सक नियमित तो आते हैं, लेकिन मरीज को नहीं देख मूल कार्य में वापस लौट जाते हैं. केंद्र पर शराबी का नहीं पहुंचना चिंता का सबब बन रहा है.
जबकि जिले में लगातार हो रही छापेमारी में शराब जब्त किये जा रहे हैं. तय है कि शराब के शौकीनों तक मय के प्याले मशक्कत के बाद ही सही गले को तर कर रही है. एक अप्रैल 2016 को नशा मुक्ति केंद्र खुला. उस समय से लेकर अब तक शराब की लत से ग्रसित 124 लोगों का इलाज करने के साथ ही नशा की लत छुड़ायी गयी है. केंद्र में तैनात डॉ अरविंद कुमार सहित चिकित्सक व कर्मी मरीजों व उनके परिजनों को शराब से होने वाली हानि के बारे में विस्तार से बताते हैं.