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गंगा के बहाने, कोसी में उफन रही राजधानी की मांग

प्रधानमंत्री व रेलमंत्री को शुरू हुआ पत्र लिखने का सिलसिला वर्षों से दबी मांग, लोगों की जुबां पर शुरू होने से पहले नकारात्मक सोच को दूर रख सकारात्मक पहल की आवश्यकता सहरसा : गंगा नदी में बाढ़ आने के बाद कटिहार से भाया नवगछिया होकर दिल्ली तक जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस को वैकल्पिक व्यवस्था के […]

प्रधानमंत्री व रेलमंत्री को शुरू हुआ पत्र लिखने का सिलसिला

वर्षों से दबी मांग, लोगों की जुबां पर
शुरू होने से पहले नकारात्मक सोच को दूर रख सकारात्मक पहल की आवश्यकता
सहरसा : गंगा नदी में बाढ़ आने के बाद कटिहार से भाया नवगछिया होकर दिल्ली तक जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पूर्णिया-सहरसा रेल मार्ग से परिचालन किये जाने के बाद कोसी इलाके में लोग सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक पर राजधानी चलाये जाने की चर्चा करने लगे हैं. पूर्व के वर्षो से विपरित शांत अंदाज में बह रही कोसी नदी के तट पर रहने वाले लोग भी राजधानी जैसी लाल गाड़ी के नियमित परिचालन की वकालत कर रहे हैं. सहरसा-पूर्णिया रेल मार्ग के तहत सुपौल जिले के लोग भी राजधानी एक्सप्रेस के परिचालन से फायदेमंद स्थिति में रहेंगे.
रेलवे को वैकल्पिक मार्ग का चुनाव करने से राजस्व में कमी के बजाय अप्रत्याशित वृद्धि के अनुमान लगाये जा रहे हैं. हालांकि इस रुट से राजधानी एक्सप्रेस के परिचालन को लेकर सांसद पप्पू यादव पूर्व में ही लोगों को आश्वस्त कर चुके हैं. लेकिन वर्षो से बंगाली बाजार ओवरब्रिज की मांग को लेकर नाराज जनता कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही थी. रविवार को सहरसा के रास्ते गुजरी डिब्रुगढ़ राजधानी ने जनमानस को देश की इस हाइ स्पीड ट्रेन के प्रति उत्सुक कर दिया है.
शुरू हुआ मेल व ट्वीट अभियान: राजधानी एक्सप्रेस चलाने की मांग फिलवक्त इमेल व ट्यूटर के जरिए भारत सरकार तक पहुंचाने की कवायद शुरु हो गयी है. स्थानीय लोग देश के कोने-कोने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीटर व इ मेल के जरिए अपनी भावना से अवगत करा रहे हैं. अभियान को राष्ट्रव्यापी रुप देने के लिए व्हाटसएप ग्रुप के माध्यम से भी इन लोगों के अकाउंट Narendra Modi (@narendramodi), www.narendramodi.in और Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) को शेयर कर रहे हैं.
स्थानीय निवासी व राजद नेता अजय कुमार सिंह बताते हैं कि इस प्रकार के कई आंदोलन हैं, जिन्हे पत्र व पोस्टकार्ड के माध्यम से जीता जा सका है. उन्होंने बताया कि पूर्णिया में विश्वविद्यालय के स्थापना की घोषणा अभियान का ही परिणाम है. उन्होंने इस अभियान में समर्थन देने के लिए लोगों से प्रधानमंत्री व रेलमंत्री को मेल व ट्वीट करने की अपील की है. खास बात यह है कि एक ही दिन में सहरसा व पूर्णिया के हजारों लोग इस अभियान में शामिल हो चुके हैं.
फेसबुक पर भी चली राजधानी
सहरसा से राजधानी के परिचालन की पोस्ट फेसबुक पर लोगों द्वारा किये जाने के बाद ही कई प्रकार के कमेंट मिलने शुरु हो गये थे. जिसके बाद कोई ट्रेन चलाने तो कोई ट्रेन नहीं चलने की बात कह मामले को हवा देने लगा. लेकिन कुछ देर के बाद क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों ने भी फेसबुक के वॉल पर अपनी भावनाओं को साझा करना शुरु कर दिया. लोगों का स्पष्ट कहना है कि जब पटरी चलने लायक थी तभी तो राजधानी ने इस रुट को अपनाया.
रेलवे ट्रैक को दुरुस्त कर शुरुआती दौर में सप्ताह में तीन दिन ही ट्रेन का परिचालन इस रुट से करे. ताकि कोसी इलाके के लोग भी सुविधाजनक ट्रेन की यात्रा कर सके. लोगों का कहना है कि ट्रेन के परिचालन में क्या-क्या कमी है,
इसे देखना व दुरुस्त करना रेलवे का काम है. पूर्व कुलपति अंजनी कुमार सिन्हा कहते हैं कि सहरसा में राजधानी एक्सप्रेस का आना गौरवमयी क्षण है. शुरु होने से पहले नकारात्मक सोच को दूर रख सकारात्मक पहल की आवश्यकता है.

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