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डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, सांसत में मरीज की जिंदगी

सहरसा. दूसरे दिन सुरक्षा की मांग को ले आइएमए ने किया आह्वान सदर अस्पताल के ओपीडी व निजी नर्सिंग होम में लटका रहा ताला मुख्य आरोपी के पकड़े जाने तक जारी रहेगा हड़ताल : आइएमए सहरसा : सुरक्षा की मांग को लेकर धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर आइएमए के आह्वान पर बीती आधी […]

सहरसा. दूसरे दिन सुरक्षा की मांग को ले आइएमए ने किया आह्वान

सदर अस्पताल के ओपीडी व निजी नर्सिंग होम में लटका रहा ताला
मुख्य आरोपी के पकड़े जाने तक जारी रहेगा हड़ताल : आइएमए
सहरसा : सुरक्षा की मांग को लेकर धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर आइएमए के आह्वान पर बीती आधी रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. कुछ देर बाद से ही चिकित्सा सेवा पूरी तरह बेपटरी हो गयी. सुबह से ही प्रमंडलीय अस्पताल कहे जाने वाले सदर अस्पताल के ओपीडी सेवा को पूरी तरह ठप कर दिया गया. जानकारी के अभाव में दूर-दराज से आनेवाले मरीजों को वापस लौटना पड़ा.
हालांकि इस दौरान अस्पताल की इमरजेंसी को आइएमए ने चालू रखने का संकेत दिया और आनेवाली परेशानी में सहयोग का आश्वासन दिया. सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह खुद पूरी व्यवस्था पर नजर बनाये हुए थे. इधर हड़ताल के दूसरे दिन शनिवार को भी आइएमए के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ भुवन कुमार सिंह व डॉ विजय शंकर के संचालन में चिकित्सक सदर अस्पताल में धरना पर बैठे रहे. चिकित्सकों ने कहा कि जबतक मुख्य आरोपी को पकड़ा नहीं जायेगा,
धरना व हड़ताल जारी रहेगा. डॉक्टरों ने कहा कि सिम विक्रेता को पकड़ कर पुलिस अपना पीठ थपथपा रही है. पूर्व में भी पुलिस ने एक सिम विक्रेता को पकड़ कर जेल भेजा था. बावजूद रंगदारी की मांग कर गोली मारने की धमकी दी गयी. इस बार इन सबसे कुछ नहीं होने वाला है. जब तक कि मुख्य आरोपी सम्राट को और इसके पीछे के पूरा सच को सामने नहीं लाया जायेगा.
इमरजेंसी में मरीजों का लगा रहा तांता : ओपीडी बंद होने की जानकारी मिलते ही मरीजों का झूंड इमरजेंसी की ओर चल पड़ा. जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ विनय कुमार सिंह सभी मरीजों का बारी-बारी से इलाज व सलाह देते रहे. मरीजों की भीड़ को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा अन्य कई कर्मियों की तैनाती की गयी थी.
वहीं सुरक्षा में तैनात जवान सुबह से ही तैनात रहे. धरना में आइएमए के जिलाध्यक्ष डॉ एसपी सिंह, सचिव डॉ राकेश कुमार, ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संयोजक
डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल…
डॉ एके चौधरी, डॉ गोपाल शरण सिंह, डॉ भुवन कुमार सिंह, डॉ एसपी झा, डॉ विमल कुमार, सह संयोजक कैलाश पचेरिया, डॉ ए कलाम, डॉ एके इशर, डॉ एसएन चौधरी, डॉ पीके सिंह, डॉ मोती वर्मा, डॉ सुशील कुमार, डॉ डीपी गुप्ता, डॉ जितेंद्र सिंह, डॉ सीएम चौधरी, डॉ पीके मल्लिक, डॉ ललन कुमार, डॉ शिलेंद्र कुमार, डॉ रंजेश कुमार सिंह, डॉ आइडी सिंह, डॉ अनुज कुमार, डॉ एसके अनुज, डॉ ब्रजेश कुमार सिंह, डॉ राजीव कुमार, टीपू झा, शंभु उपाध्याय, राघव सिंह, कुणाल सहित अन्य शामिल थे.
इमरजेंसी छोड़ सभी सेवाएं ठप
सुपौल व मधेपुरा के मरीज भी िनराश होकर लौटे
सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा व सभी निजी नर्सिंग होम में सुबह से ही ताला लटके रहे. चिकित्सक के हड़ताल पर चले जाने के कारण स्वास्थ्य कर्मी भी इधर उधर टहल कर समय बिताते रहे. वहीं जानकारी के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज ओपीडी के समय पर डॉक्टर से दिखाने के लिए आ गये. लेकिन उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा. डॉक्टर से दिखाने पहुंचे गांधी पथ निवासी सीता देवी ने बताया कि वह अपने बच्चे को दिखाने पहुंची थी.
यहां आने के बाद पता चला कि डॉक्टरों की हड़ताल है. वहीं विशनपुर के मिथिलेश साह, नरियार निवासी कमलेश तिवारी, सहरसा के पप्पू कुमार, नयाबाजार के अमन कुमार, सपटियाही के हरिनंदन यादव, मधेपुरा के सिकेंद्र मंडल, जुबेदा खातून, खोनहा के दुखी यादव, तेलवा पश्चिमी के विमला देवी, वीणा देवी ने बताया कि डॉक्टर से दिखाने आया था. हड़ताल की कोई जानकारी नहीं था. ओपीडी व निजी नर्सिंग होम पूरी तरह बंद है. आखिर हमलोग क्या करें.

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