मॉरीशस के उपप्रधानमंत्री की पत्नी रिसर्च के क्रम में पहुंचीं सहरसा
सहरसा: मॉरीशस के पूर्व उपप्रधानमंत्री हरिश बुद्धू की पत्नी मॉरीशस कला व संस्कृति विभाग की अध्यक्ष डॉ सरिता बुद्धू भाषा रिसर्च के क्रम में शुक्रवार को सहरसा पहुंची. शनिवार को बनगांव के संत लक्ष्मीनाथ कुटी, महिषी के प्रसिद्ध उग्रतारा स्थान, महपुरा के कारू स्थान जा वहां की महत्ता व आस्था को जाना. डॉ सरिता ने बलुआहा में कोसी नदी के किनारे बैठ स्थानीय महिलाओं से मैथिली गीत का लुफ्त उठाया. डॉ बुद्धू के सम्मान में रविनंदन मिश्र स्मारक विधि महाविद्यालय में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया. स्वागत से अभिभूत सरिता ने कहा कि मॉरीशस छोटा ही सही, पर अनुशासित, विकासशील व समृद्ध देश है.
उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में भारतीय मूल के लोगों के लिए भाषा, धर्म, खान-पान चुनौती थी, लेकिन लंबे संघर्ष के बाद सब कुछ सामान्य हो गया. महात्मा गांधी की प्रेरणा से मजदूर बनकर गये लोग देश का शासन चला रहे हैं. फ्रेंच, अंग्रेजी सब भाषा बोल रहे हैं. भोजपुरी भाषा के संबंध में उन्होंने कहा कि मॉरीशस में भोजपुरी छा गइल बा. डॉ बुद्धू ने कहा कि वहां भोजपुरी धनी भाषा के रूप में जानी जाती है. वर्ष 1982 में उनके द्वारा मॉरीशस भोजपुरी संघ की स्थापना की गयी. 2011 में सरकार ने इस भाषा को मान्यता देने के बाद प्रधानमंत्री ने उन्हें संघ का अध्यक्ष बनाया. भाषा रिसर्च के क्रम में वह बिहार, यूपी सहित मैथिली, भोजपुरी व मगही भाषी क्षेत्रों का 30 बार दौरा कर चुकी है. अब वहां स्कूल, कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थानों में भोजपुरी भाषा के माध्यम से अध्ययन-अध्यापन हो रहा है. अपने संबोधन में डॉ सरिता ने कहा कि संघ के प्रयास से मॉरीशस सरकार ने दो नवंबर को प्रवासी दिवस के नाम पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर दी है. उसी दिन सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव का भी आयोजन किया जायेगा. लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ मुकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित समारोह को पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना सहित आरएम कॉलेज की प्राचार्या डॉ रेणु सिंह, त्रिभुवन सिंह, जितेंद्र मिश्र, प्रमोद सिंह, प्रो उषा रमण झा व अन्य ने भी संबोधित किया.