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प्रशिक्षु एएनएम को लौटायी गयी सुविधा शुल्क की राशि

प्रशिक्षु एएनएम से सुविधा शुल्क लिया गया था. उन्होंने इसकी शिकायत की थी. प्रभात खबर ने मामले को प्रमुखता से उठाया था. विधायक व सीएस के निर्देश के बाद राशि वापस की गयी. सहरसा : स्थानीय विधायक अरुण कुमार व सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह के सख्त निर्देश के बाद प्रशिक्षु एएनएम से वसूली […]

प्रशिक्षु एएनएम से सुविधा शुल्क लिया गया था. उन्होंने इसकी शिकायत की थी. प्रभात खबर ने मामले को प्रमुखता से उठाया था. विधायक व सीएस के निर्देश के बाद राशि वापस की गयी.

सहरसा : स्थानीय विधायक अरुण कुमार व सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह के सख्त निर्देश के बाद प्रशिक्षु एएनएम से वसूली गयी सुविधा शुल्क की राशि आखिरकार प्रभारी प्राचार्या व लिपिक को वापस करनी पड़ी. मंगलवार को प्राचार्या जैंसी थॉमस व लिपिक शंभु नाथ झा ने जूनियर छात्राओं के बीच राशि का बंटवारा किया. 30 प्रशिक्षु छात्राओं ने अपनी राशि प्राप्त कर ली. वहीं पांच छात्राओं के अनुपस्थित रहने के कारण उनका पैसा बाद में दिया जायेगा. मालूम हो कि बीते 24 अप्रैल को अव्यवस्था का आरोप लगा प्रशिक्षु छात्राओं ने जम कर हंगामा किया था.
जिसके बाद सिविल सर्जन के निर्देश पर जांच में पहुंचे अधिकारियों को छात्राओं ने सुविधा शुल्क के नाम पर प्रति छात्राओं से 12 सौ रुपये वसूलने व कोई सुविधा नहीं देने का आरोप लगाया था. जांच अधिकारियों व दूसरे दिन पहुंचे सिविल सर्जन ने सुविधा शुल्क को नाजायज बता प्राचार्या को अविलंब पैसा वापस करने का निर्देश दिया था.
छात्राओं की समस्या व मामले को प्रभात खबर ने लगातार प्रमुखता से लेते खबर प्रकाशित की थी. जिसके बाद स्थानीय विधायक अरुण कुमार भी 26 अप्रैल को स्कूल पहुंचे व छात्राओं से मामले की जानकारी लेकर सिविल सर्जन को अविलंब छात्राओं को पैसा वापस करने अन्यथा दोषियों पर एफआइआर दर्ज करवाने का निर्देश दिया था.
कहीं खुशी, कहीं गम : मामले की गंभीरता देख स्कूल संचालकों ने आनन-फानन में लगभग एक माह बाद जूनियर छात्राओं का पैसा तो वापस कर दिया गया. लेकिन सीनियर छात्राओं से वसूली गयी रकम उन्हें वापस नहीं की गयी. जबकि विधायक व सिविल सर्जन ने सभी को पैसा वापस करने का निर्देश दिया था. हंगामा के बाद जूनियर छात्राओं को पैसा वापस मिलने से जहां खुशी है, वहीं सीनियर छात्राएं के बीच गम का माहौल है.
इस बाबत लिपिक श्री झा ने बताया कि जैंसी थॉमस के कार्यकाल में जिनसे पैसा लिया गया था. उन्हें पैसा वापस कर दिया गया है. सीनियर छात्राओं के नामांकन के समय वह प्राचार्या की भूमिका में नहीं थी. जबकि 56 सीनियर छात्राओं ने भी बीते वर्ष के 30 जुलाई को व्याप्त कुव्यवस्था को लेकर भूख हड़ताल शुरू की थी, जो काफी समझाने-बुझाने के बाद पांचवें दिन खत्म हुआ था.

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