काहे के शहरी हैं हम. बेमौसम बारिश के दूसरे दिन भी तालाब बना रहा रहमान चौक
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लोगों की परेशानी से नप को मतलब नहीं
काहे के शहरी हैं हम. बेमौसम बारिश के दूसरे दिन भी तालाब बना रहा रहमान चौक गंदगी, जलजमाव, अतिक्रमण समेत विभिन्न समस्याएं धरी की धरी हैं. इसे दूर करने की दिशा में नगर परिषद का प्रयास शिथिल है. ऐसे में लोगों का नप के अधिकारी व पार्षदों के खिलाफ गुस्साभड़क सकता है. सहरसा मुख्यालय : […]
गंदगी, जलजमाव, अतिक्रमण समेत विभिन्न समस्याएं धरी की धरी हैं. इसे दूर करने की दिशा में नगर परिषद का प्रयास शिथिल है. ऐसे में लोगों का नप के अधिकारी व पार्षदों के खिलाफ गुस्साभड़क सकता है.
सहरसा मुख्यालय : मंगलवार की देर रात हुई घंटे भर की बेमौसम बारिश ने नगर परिषद को उसकी व्यवस्था का आईना दिखा दिया. फिर भी उसे शर्म नहीं आयी, तनिक भी संवेदनशील नहीं हुआ. तीसरे दिन गुरुवार को भी नागरिक परिषद की लापरवाही का कोपभाजन बने हुए है. जलनिकासी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण डॉ ए रहमान रोड, कॉलेज रोड सहित चौक की सड़कों पर एक फीट तक पानी जमा है.
वहां आसपास के घरों में बारिश के पानी के अलावे बंद नाले का रिटर्निंग पानी प्रवेश कर रहा है. वे त्राहिमाम की स्थिति में हैं. लेकिन नप को नागरिकों की किसी परेशानी से मतलब नहीं है. लिहाजा वह समस्याओं से जूझ रहे लोगों से मिलने तक नहीं आया है. इधर नप के अधिकारी व पार्षदों के प्रति मुहल्ले के लोगों का गुस्सा भड़कता जा रहा है. नप के विरुद्ध वे प्रदर्शन व अधिकारियों के घेराव की तैयारी करने में जुट गए हैं.
सभापति का वार्ड है बेकार
वैसे तो नप की लालफीताशाही पूरे शहर में दिखती है. लेकिन वार्ड नंबर 16 और 18 की स्थिति सबसे अधिक भयावह है. यहां आश्चर्य तो यह है कि वार्ड नंबर 18 से चुने गयी पार्षद नगर परिषद के सभापति हैं. फिर भी इस वार्ड में न तो कहीं सड़क दिखती है और न ही किसी नाले की सफाई ही की गयी लगती है. मुहल्ले के शुभम, मनोज सिंह, श्याम अग्रवाल, वीणा देवी, कविता सिंह व अन्य ने कहा कि सभापति होना का वार्ड को आज तक कोई फायदा नहीं मिला9 उलटे लोगों की समस्या गहराती चली गयी. इसी वार्ड में शहर का एकमात्र बड़ा नाला हुआ करता था.
जिसका दोनों मुहाना जलजमाव के बड़े क्षेत्र को जोड़ता था. इस साल जनवरी में रैयतों द्वारा उस दोनों जमाव क्षेत्र में मिट्टी भरा लेने से यह बड़ा नाला बेकार हो गया. जाम नाले से पानी रिसने लगा और गंदा पानी लोगों के घरों में प्रवेश करने लगे. निजात पाने के लिए लोगों ने अपने स्तर से नाले पर बनी सड़क पर मिट्टी भरा दिया. लेकिन नाले का निकासी कहीं नहीं होने से परेशानी लगातार बढ़ती चली गयी.
घरों में घुस रहा है नाले का पानी
कहा था, दो करोड़ से बनेगा ड्रेनेज
जलजमाव की समस्या को लेकर मुहल्ले की महिलाओं ने नप कार्यालय में प्रदर्शन किया था. विकट स्थति होने की खबर पर यहां डीएम को भी आना पड़ा था. उन्होंने नप को निकासी की शीघ्र व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया था.
नप के कार्यपालक पदाधिकारी दिनेश राम ने कहा था कि नाले के पूर्वी मुहाने से पोलिटेक्निक होते शीघ्र ही ह्यूम पाइप ड्रेनेज निर्माण कराया जाएगा. पदाधिकारी राम ने कहा था कि इस योजना पर दो करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी न तो कहीं पाइप गिरा दिखता है, न ही कहीं कुदाल चलता दिखाई दे रहा है. चारो ओर सिर्फ जलजमाव ही जलजमाव दिखता है. नालों से हो रहा रिसाव और सड़कों पर फैल रहा पानी ही दिखता है.
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