हाय रे नप! बना दिया नरकवासी
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दोजख का सफर. बह रहे मलयुक्त पानी से गुजरने की है विवशता
हाय रे नप! बना दिया नरकवासी नगर परिषद की लापरवाही देखनी हो, तो सहरसा आयें. यहां की बजबजाती नालियां, सड़कों पर बहता नाले का पानी, कचरे की दुर्गंध आपका स्वागत करेगी. यूं तो सहरसा नगर परिषद है, लेकिन अपने मुहल्लों की सफाई के उत्तरदायित्व को छोड़ कर. सहरसा मुख्यालय : नगर परिषद की लापरवाही व […]
नगर परिषद की लापरवाही देखनी हो, तो सहरसा आयें. यहां की बजबजाती नालियां, सड़कों पर बहता नाले का पानी, कचरे की दुर्गंध आपका स्वागत करेगी. यूं तो सहरसा नगर परिषद है, लेकिन अपने मुहल्लों की सफाई के उत्तरदायित्व को छोड़ कर.
सहरसा मुख्यालय : नगर परिषद की लापरवाही व अकर्मण्यता से न तो वार्ड पार्षदों और न ही जिले के किसी भी वरीय अधिकारियों को मतलब रह गया लगता है.
लिहाजा जनता परेशान है और गंदे, बदबूदार सड़कों पर बहते पानी के बीच विचरते सूअरों के साथ रहने को मजबूर है. यूं कहिए कि नरक में रह रहे हैं. अमूमन शहर के सभी नालों की यह दुर्दशा सिर्फ कल या आज की नहीं, बल्कि पिछले चार वर्षों की है. नियमित सफाई कराने की बात कहने पर नप के अधिकारी पर कोई असर नहीं होता है तो वार्ड पार्षद को नप की विभिन्न योजनाओं में हिस्सेदारी के अलावे नागरिक सुविधा से कोई मतलब ही नहीं रहता. ऐसे में नागरिक व मतदाता भी एक बार फिर से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
गांधी पथ से क्या दुश्मनी है?
स्वतंत्रता सेनानी सीमांत गांधी के नाम पर बसे इस मुहल्ले से नगर परिषद को पुरानी व खासी दुश्मनी जान पड़ती है. हालांकि तकरीबन 20 वर्ष पूर्व आयोजित समारोह में इसे महात्मा गांधी को समर्पित कर दिया गया. फिर भी यहां की दशा नहीं सुधारी जा सकी. छह माह पूर्व तक सड़के पूरी तरह टूटी-फूटी थी.
नालों की दशा तब भी ऐसी ही थी. तब लोगों का घर से निकलना मुश्किल होता था. क्योंकि नाले के सारे गंदे पानी सड़कों पर ही बहा करते थे. दर्जनों आंदोलन के बाद सड़क बन गई. लेकिन लोगों का अब भी घर से निकलना मुश्किल ही है. क्योंकि अब नाले का पानी ओवरफ्लो होकर वापस घरों में जा रहा है. लगातार परेशानी के बाद भी नप का फावड़ा गांधी पथ के नाले में नहीं डाला जाता है.
बदहाल हैं गांधी पथ के सड़क व नाले
…तो सफाइकर्मी जाते कहां हैं?
सुबह सवेरे रोज नप परिसर से सफाईकर्मियों को ड्यूटी बांट फिल्ड में भेजा जाता है. लेकिन उसके बाद वे कुदाल व फावड़ा लेकर किधर जाते हैं, किसी को पता नहीं चलता. गांधी पथ नगर परिषद के वार्ड नंबर सात, आठ, दस व वार्ड नंबर 21 को छूता है. इन सभी वार्डों के नाले ओवरफ्लो हो रहे हैं. गांधी चौक से पूरब दहलान चौक तक की सड़क सालोभर तालाब बनी रहती है. सड़क के दोनों ओर बने नाले कूड़े-कचरे से भरे हुए हैं.
नाले का गंदा, बदबूदार व मलयुक्त पानी दिन-रात सड़कों पर बहता रहता है. उसी सरांध मारते पानी से लोगों को गुजरने की मजबूरी बनी रहती है. बावजूद नप व पार्षद सफाई कराने के प्रति गंभीर नहीं होता है. नप की व्यवस्था से आजिज लोग बरबस ही कह बैठते हैं, बेड़ा गर्क हो ऐसे नगर परिषद का.
नहीं बच पायेंगे शराब पीकर सड़क पर घूमने वाले : डीएम
ब्रेथ एनलाइजर मशीन बता देगी शराबियों की सारी सच्चाई
संदेह होने पर किसी भी व्यक्ति के जांच का है अधिकार
सहरसा सदर : राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद चोरी-छिपे शराब पीना व पीकर सड़क पर चलना भी शराबियों के लिए मुश्किल होगा. यह बातें सोमवार को डीएम विनोद सिंह गुंजियाल व पुलिस अधीक्षक अश्विनी कुमार ने पूर्ण शराबबंदी के लिए जिले को मिले ब्रेथ एनलाइजर मशीन के जरिए शराबियों की जांच की गतिविधियों की जानकारी देते कही.
उत्पाद अधीक्षक रजनीश कुमार ने डीएम व एसपी के समक्ष विभाग को उपलब्ध कराये गये ब्रेथ एनलाइजर मशीन की खूबियों की जानकारी देते बताया कि यदि कोई शराब पीकर सार्वजनिक जगह व सड़कों पर घूमते पाये गये तो उक्त मशीन के जांच में सभी सच्चाई खुद सामने आ जायेगी. डीएम ने बताया कि उक्त मशीन के जरिए किसी भी लोगों की जांच की जा सकती हैं.
मुंह में डालते ही होगा रेड सिग्नल
जांच में 30 प्रतिशत से अधिक एमजी पर हन्ड्रेड पाये जाने पर ब्रेथ एनलाइजर मशीन का डिसप्ले रेड दिखने लगेगा. उसके बाद पुन: दूसरी बार उक्त शराबी की जांच में भी यही स्थिति पाये जाने पर उसी समय मशीन में जिस गाड़ी पर सवार शराबी पाये जायेंगे. उसका नंबर, ड्राइवर का नाम, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर जांच करने वाले अधिकारी का नाम व पदनाम जांच स्थल का नाम मशीन में फीड कर ब्लूटूथ से कनेक्ट प्रिंटर के माध्यम से निकला स्लीप उसी समय दोषियों के हाथ थमा दिया जायेगा
और दूसरी प्रति प्रूफ के रूप में रख उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जायेगा. डीएम ने बताया कि फिलहाल जिले को ऐसी दो मशीनें उपलब्ध कराई गई है. जो एक उत्पाद विभाग के पास और एक पुलिस अधीक्षक के पास रहेगा. शराब के शौकीन व चोरी छिपे पीने वाले लोगों की धड़-पकड़ में इसका इस्तेमाल किया जाएगा.
बताया गया कि इस तरह के और पांच मशीन जिले को जल्द ही उपलब्ध होगी. डीएम व एसपी ने जिले में पूर्ण शराबबंदी को सख्ती से पालन करने के लिए अभी भी चोरी छिपे शराब पीने वाले लोगों को कड़ी चेतावनी देते हुए पकड़े जाने पर नई शराबनीति कानून के तहत जेल की हवा व जुर्माने की राशि के लिए तैयार रहने की बात कही. बताया गया कि चलते फिरते किसी पर भी शक होने पर मशीन के जरिए उसकी जांच की जा सकती है.
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