संत रक्षण को होता है भगवान का अवतरण
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भागवत कथा. नारायण के अवतारों का सजीव चित्रण देख श्रद्धालु हो गये मंत्रमुग्ध
संत रक्षण को होता है भगवान का अवतरण परमात्मा कृष्ण का अवतरण दुष्ट संहार एवं संत रक्षण के लिए होता है. भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध किया और संसार के भक्तों को अभयदान दिया. श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा िक कंस ने जब पूतना को भगवान […]
परमात्मा कृष्ण का अवतरण दुष्ट संहार एवं संत रक्षण के लिए होता है. भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध किया और संसार के भक्तों को अभयदान दिया. श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा िक कंस ने जब पूतना को भगवान कृष्ण का वध करने गोकुल भेजा, तो बालरूप भगवान ने पूतना के स्तन में लगे हलाहल का पान कर पूतना का उद्धार किया.
बेलदौर : परमात्मा कृष्ण का अवतरण दुष्ट संहार एवं संत रक्षण के लिए होता है. भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध किया और संसार के भक्तों को अभयदान दिया. उक्त प्रवचन रविवार की संध्या नौ दिवसीय भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के छठे दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कही. संगीतमय कथा व्यास रचित श्रीमद् भागवत में वर्णित भगवान श्री कृष्ण की अवतार एवं बाल लीलाओं के प्रसंग पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रभु की लीला अद्भुत है. नारायण के कई अवतारों का सजीव चित्रण देख कर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गये.
स्वामी जी ने कहा कि कंस ने जब पूतना को भगवान कृष्ण का वध करने गोकुल भेजा, तो बालरूप भगवान ने पूतना के स्तन में लगे हलाहल का पान कर पूतना का उद्धार किया. स्वामी जी ने कहा कि भगवान कृष्ण प्रकाश तो पूतना अंधकार का प्रतीक है. अपने चरण स्पर्श से प्रभु ने त्रिनावर्त एवं बकासुर का भी उद्धार किया. ऐसी होती है प्रभु की असीम कृपा, जो भक्तों पर स्मरण मात्र से बरसती रहती है. मौके पर स्वामी आगमानंद जी महाराज के अलावा, प्रेमांनद, मानवानंद, मुनेश्वर प्रसाद सिंह, पंडित प्रेमशंकर भारती, भूषण जी, वेदाचार्य कौशलेन्द्र आदि ने मधुर संगीतय कार्यक्रम की प्रस्तुति की.
वहीं भागवत कथा को सुन कर काफी संख्या में लोग आध्यात्म से जुड़ रहे हैं. खासकर महिलाओं एवं बुजुर्गो की काफी भीड़ भागवत कथा को सुनने को उमड़ रही है. स्वामी अागमानंद जी महाराज ने भागवत कथा के महत्ता से अवगत कराते हुए श्रद्धालुओं से कहा कि समर्पित भाव से इसके श्रवण मात्र से ही पापियों का उद्धार हो जाता है.
वर्तमान में लोग मोह माया के चक्कर में पड़ कर धर्म को छोड़ कर अधर्म के पीछे भाग रहे हैं. सद्मार्ग ही लोगों के जीवन मे शांति एवं सुख दे सकती है. झूठ ,चोरी ,नशा ,हिंसा आदि का त्याग कर ही पापों से मुक्ति मिल सकती है. आयोजन को भव्य एवं आर्कषक बनाने के लिए कथास्थल गांधी इंटर विद्यालय परिसर में मैदान को भव्य रूप से सजाया गया है. बाबा फुलेश्वनाथ मंदिर स्थित यज्ञस्थल के समीप आर्कषक मंडप एवं देवी देवताओं की प्रतिमा श्रद्धालुओं के बीच आर्कषण का केंद्र बनी हुई है.
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