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नामांकन शुरू होने से पहले दें सूची

ललिता ने कहा. निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत नामांकन की शर्तों को करना होगा पूरा राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य ने बाल संरक्षण से जुड़े विभागों की जानकारी ली. बच्चों को उनके अधिकार मिलें, इस दिशा में सबको मिल कर प्रयास करने को कहा. बीपीएल परिवार के बच्चों के लिए निजी स्कूल में किसी […]

ललिता ने कहा. निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत नामांकन की शर्तों को करना होगा पूरा
राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य ने बाल संरक्षण से जुड़े विभागों की जानकारी ली. बच्चों को उनके अधिकार मिलें, इस दिशा में सबको मिल कर प्रयास करने को कहा. बीपीएल परिवार के बच्चों के लिए निजी स्कूल में किसी भी सूरत में नामांकन सुनिश्चत करने को कहा.
सहरसा सदर : राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य ललिता जायसवाल ने सोमवार को स्थानीय परिसदन में बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी के साथ बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण से जुड़े मामले में बच्चों के अधिकारों को कतई नजर अंदाज नहीं किया जायेगा. चाहे शिक्षा की बात हो या बाल मजदूरी का मामला, आयोग पूरी तरह बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं के प्रति गंभीर है.
गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने व उन्हें भी शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए राज्य की सरकार को गंभीर बताया. इसके लिए उन्होंने सभी निजी विद्यालयों में बीपीएल परिवारों के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत नामांकन के दाखिले का सख्ती के साथ पालन करते हुए शिक्षा विभाग को निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने की बात कही. आयोग की सदस्य ने अगले सत्र के लिए नामांकन की शुरुआत से पहले जिले के सभी निजी विद्यालयों के नामांकन की सूची रिपोर्ट आयोग को समर्पित करने का निर्देश दिया. ताकि सूची का ठीक से अवलोकन किया जा सके और सही बच्चों को ही इसका लाभ मिल सके.
शराबबंदी के लिए लोगों को करें जागरूक
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक अप्रैल से लागू हो रही नयी शराब नीति को लेकर भी शराब बंदी व नशा मुक्त समाज के निर्माण में आयोग महती भूमिका निभायेगा. इसके लिए उन्होंने बच्चों के बीच भी जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया. कहा कि बैनर पोस्टर के जरिये बाल संरक्षण से संबंधित सभी विभागों को जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है. मौके पर बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक अनिल पटेल, डीपीओ वंशीधर कात्यायन, चाइलड लाइन के कोर्डिनेटर बाल किशोर झा आदि मौजूद थे.
बाल मजदूरी करानेवालों के विरुद्ध होगी सख्त कार्रवाई
बाल मजदूरी को रोकने व मुक्त कराये बच्चों के पुनर्वास संबधी मामले के बारे में पूछे जाने पर आयोग की सदस्या ने कहा कि बाल मजदूरी करना जघन्य अपराध है. यह सभी जानते भी हैं.
बाल मजदूरी कराने वाले संस्थान व लोगों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए सख्त कानून भी बनाया गया है. फिर भी बाल मजदूरी जैसे मामले में जहां कमी होनी चाहिए थी, उसमें और बढ़ोत्तरी होना निश्चित चिंता का विषय है. उन्होंने बाल मजदूरी पर रोक लगाने के लिए लगातार शहरों के होटल, रेस्तरां व ईंट चिमनी भट्ठों पर छापेमारी अभियान चलाने की बात कही. बाल मजदूरी के अपराध में पकड़ाये लोगों पर भी धारा के तहत कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत बताया. कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में छात्राओं को उचित आहार व सरकार द्वारा प्रदत्त सभी योजनाओं का लाभ मुहैया कराने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया.
कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के निरीक्षण में मिल रही शिकायतों में सुधार लाने का निर्देश दिया गया. सरकार द्वारा एचआइबी पीड़ित परिवार के बच्चों के भरन पोषण व शिक्षा की व्यवस्था को लेकर शुरू परवरिश योजना की समीक्षा के बाद आयोग की सदस्या ने ऐसे परिवारों को चिह्नित कर योजना के लाभ से जोड़ने पर विशेष बल दिया.

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