दोपहर बाद हुई बूंदाबांदी, भीगने से बचते रहे लोग
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मौसम ने ली करवट, दिन भर छिपा रहा सूरज
दोपहर बाद हुई बूंदाबांदी, भीगने से बचते रहे लोग सहरसा मुख्यालय : बीते दस दिनों से बसंती हवा और खिलखिलाती धूप का आनंद लेने के बाद सोमवार को मौसम ने एकाएक करवट ले ली. सुबह से शुरू हुई मंद-मंद पछिया हवा दिन भर बहती रही. दिन भर सूरज के दर्शन नहीं होने से मौसम सर्द […]
सहरसा मुख्यालय : बीते दस दिनों से बसंती हवा और खिलखिलाती धूप का आनंद लेने के बाद सोमवार को मौसम ने एकाएक करवट ले ली. सुबह से शुरू हुई मंद-मंद पछिया हवा दिन भर बहती रही. दिन भर सूरज के दर्शन नहीं होने से मौसम सर्द बना रहा. हालांकि सोमवार का दिन होने के कारण सड़कों पर आवाजाही पर कोई असर नहीं पड़ा. लेकिन लोगों को जाता ठंड एक बार फिर से लौटता दिखाई देने लगा. उनके सर से उतर चुका गुलबंद एक बार फिर चढ़ गया.
बुझा दी गयी अंगीठी की आग सुबह और शाम एक बार फिर सुलगानी पड़ी. दोपहर बाद बारिश की बूंदाबांदी शुरू हुई तो ठंड में एकाएक थोड़ी बढ़ोतरी हो गई. जो देर रात तक बनी रही.
बच कर भी मजा लेते रहे लोग : सोमवार को हुई बेमौसम बारिश का लोगों ने खूब मजा लिया. दरअसल वे सामान्य परिधान में घर से बाहर निकले थे. मौसम सुहावना लग रहा था. लेकिन अचानक शुरू हुई बूंदाबांदी से वे रोमांचित हो उठे. वे अपने गंतव्य पर बिना रूके बढ़ते रहे. लेकिन जब बूंदाबांदी थमने का नाम नहीं ले रही थी, तो वे अपने शरीर पर चढ़े गरम कपड़े को भीगने से बचाने के लिए दुकानों की ओट में जा खड़े होकर बारिश के थमने का इंतजार करने लगे.
लेकिन युवाओं पर इस बारिश का कोई असर होता नहीं दिखा. वे बूंदाबांदी के बीच भी बिंदास हो अपनी राह पर बढ़ते रहे. हालांकि कई रिक्शा चालकों को अपने हुड पर पॉलिथीन चढ़ानी पड़ी. हालांकि हुई बूंदाबांदी को किसानों ने अमृतवर्षा कही, तो कई लोगों ने कहा कि यह जाड़ा को विदा करने के लिए हुई बारिश है.
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