सहरसा: आइपीएस सुनील नायक ने सहरसा में आते ही पहले दिन अपनी खास कार्यशैली का परिचय दिया. आम लोगों के दुख दर्द में शामिल होने का वादा करने वाले आइपीएस इसी रंग में दिखे. बिना किसी को जानकारी दिये पुलिस अधीक्षक श्री नायक बुधवार की दोपहर जिले के विभिन्न थानों की ओर निकल पड़े. पहला पड़ाव कहरा प्रखंड का बनगांव थाना आया. सादे वेश में पहुंचे एसपी श्री नायक का सामना थाने के एएसआइ मदन मोहन तिवारी से हुआ. एसपी ने एएसआइ को बताया कि उनकी बाइक चोरी हो गयी है और उन्हें रिपोर्ट दर्ज करानी है.
एएसआइ ने पूछा कितनी देर पहले और कहां से चोरी हुई. एसपी द्वारा बताया गया कि पांच घंटे पहले सड़क के समीप से चोरी हुई है. पहले तो एएसआइ ने टालमटोल करने की कोशिश की. लेकिन श्री नायक द्वारा एफआइआर करने पर जोर डाले जाने पर एएसआइ ने कहा कि एफआइआर कोई बाजार में मिलने वाला पेपर है कि आये और रिपोर्ट दर्ज हो जाये. इसके बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा खुद का परिचय दिया गया और ऑन स्पॉट तत्काल प्रभाव से एएसआइ मदन मोहन तिवारी को निलंबित कर दिया गया. इसके बाद एसपी द्वारा बिहरा व नवहट्टा थाना का भी जायजा लिया गया. लेकिन वहां की स्थिति को संतोषजनक बताये जाने की बात कहते उन्होंने कहा कि यह बनगांव थाना से मैसेज पास कर जाने के कारण संभव हुआ है. लेकिन पहले थाने की विजिट ही यह बताने के लिए काफी है कि जिले के थानों का हाल कैसा है.
एसपी ने बताया कि इन थानों के निरीक्षण के दौरान ही कमोबेश सारे हालात मेरे सामने आ गये हैं. जब मुझ जैसे पढ़े-लिखे लोगों को एक रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए इतनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था तो गांव के भोले भाले लोगों व अनपढ़ लोगों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. लेकिन यह भी तय है कि अब लोगों को किसी भी थाने में ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा.