सहरसा नगर : कहते हैं विकास का रास्ता सड़क, पुल और पुलिया से होकर ही गुजरता है. खासकर शहर के बंगाली बाजार में ओवरब्रिज का सीधा जुड़ाव यहां के बाजार की अर्थव्यवस्था और यहां के जीवन की रफ्तार से जुड़ा हुआ है. आखिर इतनी बड़ी आवश्यकता को अमली जामा पहनाने के बजाय क्षेत्र के कथित […]
सहरसा नगर : कहते हैं विकास का रास्ता सड़क, पुल और पुलिया से होकर ही गुजरता है. खासकर शहर के बंगाली बाजार में ओवरब्रिज का सीधा जुड़ाव यहां के बाजार की अर्थव्यवस्था और यहां के जीवन की रफ्तार से जुड़ा हुआ है. आखिर इतनी बड़ी आवश्यकता को अमली जामा पहनाने के बजाय क्षेत्र के कथित जागरूक जनप्रतिनिधि चिर निंद्रा में सोये हुए है.
प्रभात खबर द्वारा ओवरब्रिज के मुद्दे पर निरंतर की जा रही रायशुमारी में उक्त बातें प्रमुखता के साथ सामने आ रही हैं. पाठकों का कहना है कि सभी प्रकार का संसाधन उपलब्ध रहने के बावजूद चिलचिलाती धूप और कड़ाके की ठंड में महाजाम के दौरान वे पल-पल कुव्यवस्था के शिकार होते हैं. यह सवाल दिमाग में कौंधता रहता है कि आखिर हम कब तक चुप्पी साधे रहेंगे. लोगों का कहना है कि राज्य सरकार राज्यांश देकर कार्य को आगे बढ़ाये.
बहुमूल्य है समय, सदुपयोग होगा: रोजाना सड़क जाम में फंसना और गंतव्य तक देर से पहुंचना शहर की नियति बन चुकी है. कई बार तो बंगाली बाजार का जाम लोगों का जीवन लील चुका है. ऐसे स्थिति में ओवरब्रिज के न होने का दुष्प्रभाव का पता चलता है. वर्तमान में लोगों की जिंदगी जहां प्रतिस्पर्द्धा पर टिकी हुई है, वहीं सड़क जाम लोगों की रफ्तार धीमी कर रही है.
जाम से हालात हैं बदतर: राजा कहते हैं कि ओवरब्रिज नहीं बनने से आम लोगों को पैदल चलने में भी परेशानी होती है. जनप्रतिनिधियों को ओवरब्रिज के लिए संघर्ष करना चाहिए. शिवानी सिंह कहती है कि सीएम नीतीश कुमार को ओवरब्रिज के लिए पहल करनी चाहिए. ओवरब्रिज के बिना कोसी में विकास का दावा गलत होगा. बंटी कहते हैं कि ओवरब्रिज जनता की मांग है, जनप्रतिनिधियों को संघर्ष करना होगा. रवि कहते है कि ओवरब्रिज के मुद्दे पर जनप्रतिनिधि जनता को भ्रमित कर रहे हैं.