सहरसा : नगरसड़क पर वाहनों की बेरोकटोक आवाजाही के बजाय जाम की समस्या शहर की सुदंरता पर बट्टा लगाती है. जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने को लेकर अभियान चलाया जाता है, जो महज तीन-चार दिनों में ही दम भी तोड़ देता है. सड़क किनारे से हटाये गये दुकानदार पुन: उक्त जगह को अपने कब्जे में ले लेते हैं.
अतिक्रमण की वजह से सड़कों का आकार कम होता जा रहा है. जो सड़क जाम की सबसे बड़ी वजह बन रहा है. अतिक्रमण की वजह से सड़क दुर्घटना आम बात बन गयी है. सुंदर दिखने लगा था नगरजिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक वर्ष एक बार उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति दिखाते हुए अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया की जाती है.
लेकिन सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने में नाकामयाबी ही मिलती है. ज्ञात हो कि अतिक्रमण हटने के बाद गंगजला चौक, प्रशांत मोड़, थाना चौक, वीर कुंवर सिंह चौक व डीबी रोड में सड़क जाम की समस्या समाप्त हो गयी थी. सड़क के एक किनारे से दूसरे छोड़ तक देखने में सहूलियत हो रही थी. एक तो दुकान, उस पर गाड़ीशहर के सभी मुख्य मार्गों पर अतिक्रमण करने के अलावा दुकान में पहुंचने वाले खरीदार सड़क किनारे वाहन खड़ी कर देते हैं. गंगजला ढ़ाला रोड में स्थिति भयावह रहती है. ज्ञात हो कि बेतरतीब ढंग से बनी दुकानें शहर को नयी समस्याओं की तरफ धकेल रही है.
जबकि उक्त जगह पर जिला प्रशासन द्वारा सड़क व फुटपाथ की चौड़ाई को ध्यान में रख बाजार का निर्माण कराया जा सकता है. जिसके बाद बाजार की सुंदरता भी बढ़ेगी व सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी होगी.बिजली का कनेक्शन भी हैखास बात यह है कि जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाता है. लेकिन इन अतिक्रमणकारियों को बिजली विभाग द्वारा विद्युत कनेक्शन भी धड़ल्ले से दिया जाता है. यह दोहरी नीति लोगों की समझ से परे है.
इसके अलावा अतिक्रमण की वजह से लगने वाले सड़क जाम को हटाने के लिए अतिरिक्ति पुलिस बलों की तैनाती भी करनी होती है. फुटपाथ पर बना प्लेटफॉर्मअतिक्रमणकारी सड़क पर अवैध रूप से दुकान लगाने के अलावा पक्का निर्माण भी कर रहे हैं.
शहर के मुख्य मार्गों पर राहगीरों के चलने के लिए छोड़ गये फुटपाथ पर प्लेटफार्म बना कर निजी उपयोग में किया जाता है. इसके अलावा बची जगहों पर दुकान का बोर्ड भी रख देते हैं. फोटो- अतिक्रमण 2 – गंगजला चौक से आगे लगा अतिक्रमणफोटो- अतिक्रमण 3 – थाना चौक से गंगजला रेलवे ढाला के बीच दोनों तरफ बनी है दुकानें