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50वां राष्ट्रीय प्रेस दिवस आयोजित

सहरसा : सदर देश में स्वतंत्र व जिम्मेदार मीडिया की भूमिका के लिए 16 नवंबर 1966 को भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना के बाद निरंतर चले आ रहे राष्ट्रीय प्रेस दिवस को लेकर सोमवार को जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा विकास भवन सभागार में 50 वां राष्ट्रीय प्रेस दिवस आयोजित किया गया. कार्यक्रम का […]

सहरसा : सदर देश में स्वतंत्र व जिम्मेदार मीडिया की भूमिका के लिए 16 नवंबर 1966 को भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना के बाद निरंतर चले आ रहे राष्ट्रीय प्रेस दिवस को लेकर सोमवार को जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा विकास भवन सभागार में 50 वां राष्ट्रीय प्रेस दिवस आयोजित किया गया.

कार्यक्रम का उद्घाटन उपविकास आयुक्त दारोगा प्रसाद यादव, सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह व जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी बिन्दुसार मंडल द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया. विश्व में कई प्रेस व मीडिया परिषद के बावजूद भारतीय प्रेस परिषद अद्वितीय है. क्योंकि प्रेस की स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने के लिए मीडिया कर्मी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए राजतंत्रों पर भी प्राधिकार है.

स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारिता मीडिया की आम जनता के प्रति भूमिका लोकतंत्र की रीढ़ के रूप में दुनिया भर में जाने जाते हैं. क्योंकि विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक गतिविधियों के लिए मीडिया को जागरूक बनाता है. लोक अभिव्यक्ति पर काफी कुछ कहता व्यंग चित्रदेश के महान कार्टूनिस्ट व राजेन्द्र पुनी को श्रद्धांजलि के रूप में 50 वां राष्ट्रीय प्रेस दिवस को समर्पित किया गया. इसलिए इस वर्ष कार्टूनों एवं व्यंग चित्रों का प्रभाव व महत्व विषय पर सेमिनार में प्रमुखता दी गयी. उक्त विषय व मीडिया की निर्भीक व निष्पक्ष पत्रकारिता पर संबोधन करते उपविकास आयुक्त दारोगा प्रसाद यादव ने अपने विचारों को प्रकट किया.

उन्होंने कहा कि अखबार या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये कार्टूनों में समाहित व्यंग्य चित्रों का प्रभाव लोक अभिव्यक्ति पर काफी महत्व रखता है. क्योंकि एक कार्टून लोक अभिव्यक्ति को लेकर व्यंग्य के जरिये जो कहना चाहता है, वह कह जाता है और इसका प्रभाव भी पाठक से लेकर जुड़े लोगों की अभिव्यक्ति पर सीधा देखा जा सकता है.

उन्होंने मीडिया की उत्तरदायित्व व आदर्श पत्रकारिता के निर्वहन के लिए मीडिया कर्मियों को बिना प्रभावित हुए प्रेस की विश्वसनीयता व सबके प्रति निष्पक्ष व निर्भीक पत्रकारिता को जिम्मेदारियों के साथ निभाने की बात कही. मौके पर मौजूद सिविल सर्जन ने भी सेमिनार के आयोजित विषय पर प्रकाश डालते हुए कार्टून व व्यंग्य चित्रों को लोक प्रभावी बताया. उन्होंने कहा कि जो कलमकार चाहकर भी कुछ नहीं लिख पाते हैं

वह एक कार्टूनिस्ट का व्यंग्य चित्र अखबार में प्रकाशित हो जाने के बाद लिखने से अधिक कह जाता है और इसका प्रभाव भी लोक अभिव्यक्ति पर सीधा-सीधा पड़ता है. उन्होंने प्रेस दिवस पर मीडिया कर्मियों को अपनी सकारात्मक भूमिका के जरिये समाज की भागीदारी में सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन व जनता के आकांक्षाओं के अनुरूप अपनी लेखनी को सिर्फ आलोचना न कर उसके सकारात्मक पहलू पर भी ध्यान देने की बात कही. डीपीआरओ बिन्दुसार मंडल के संचालन में आयोजित प्रेस दिवस पर धन्यवाद व्यक्त करते हुए उन्होंने मीडिया कर्मियों को पारदर्शिता, जनहितकारी संवाद के निर्माण पर विकसित कोसी के निर्माण में अपना योगदान करने की बात कही.

इस मौके पर जिला उपनिर्वाचन पदाधिकारी राजीव रंजन, वरिष्ठ पत्रकार अनिल कुमार वर्मा, धर्मवीर गुप्ता, अभय कुमार मनोज, कुंदन सिंह, मुकेश सिंह, विनय कुमार मिश्र, अरविन्द झा, बीएन सिंह पप्पन, मनोज ठाकुर, बंधन वर्मा, मो जियाउद्दीन, मयंक प्रकाश, आनंद कुमार, रूबी भगत, कुंदन सिंह, दिनेश चौधरी, राजकिशोर चौधरी सहित अन्य मौजूद थे. फोटो- मीडिया 23 – कार्यक्रम का उद्घाटन करते डीडीसी, सीएस व डीपीआरओ

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