सहरसा: सोमवार को स्थानीय सुपर मार्केट स्थित कला भवन में कृषि प्रौद्योगिकी अभिकरण आत्मा द्वारा एक दिवसीय जिला स्तरीय रबी कर्मशाला में आयोजित किया गया. कर्मशाला का दीप प्रज्वलित कर उदघाटन करते डीएम शशि भूषण कुमार ने कहा कि यह कार्यशाला रबी फसल की पैदावार को बढ़ाने के लिए विशेष महत्वपूर्ण रखता है. क्योंकि सुखाड़ व अत्यधिक वर्षा के कारण खरीक फसल की व्यापक क्षति को देखते हुए रबी फसल के अधिक से अधिक पैदावार से उस क्षति का पूरा किया जाना है.
रबी फसल की पैदावार को बढ़ाने के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को समय पर संसाधनों की उपलब्धता विभाग सुनिश्चित करें. ताकि समय पर किसान इसका समुचित लाभ ले सके. इस वर्ष रबी फसल गेहूं की फसल के लिए जिले को 54 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसे सभी लोगों के सहयोग से मिलकर डीएम ने पूरा करने की बात कही. कार्यशाला को संबोधित करते कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कामता राम ने कहा कि रबी फसल गेहूं की पैदावार को अधिक से अधिक बढ़ाने के लिए किसानों का चयन कर उसे समुचित लाभ दिया जायेगा और वैज्ञानिक पद्धति के अनुसार गेहूं की खेती के लिए श्री विधि व जिरोटिले की तकनीक किसानों को अपनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रेरित किया जायेगा. डीएओ उमेश मंडल ने आगामी रबी फसल की तैयारी के लिए पूर्व से ही प्रखंडवार पंचायत स्तर पर किसानों का चयन कर प्रत्येक्षण कार्य के लिए खेतों का चयन करने की बात कही. चयनित किसानों को पहले स्वयं बीज व अन्य सामग्री खरीद किये जाने के बाद चेक के माध्यम से अनुदान का भुगतान किया जायेगा. इसके लिए चयनित किसानों का बैंकों में खाता खुलना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि बीज ग्राम योजना के तहत ऐसे लाभुकों का चयन किया जाना है. जिसको पूर्व में यह लाभ नहीं दिया गया हो. रबी फसल के तहत एसएसजी ग्रुप के माध्यम से मक्के की खेती के लिए भी किसानों का चयन किया जाना है. साथ ही मूंगफली, खीरा, कद्दू की खेती के लिए दियारा क्षेत्र के किसानों का चयन कर सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को भी पूरा करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की बात कही. आत्मा के परियोजना निदेशक सुभाष शर्मा के संचालन में चले कार्यक्रम के मौके पर आत्मा के उप परियोजना निदेशक राजेश कुमार सिन्हा, कृषि परामर्शी डॉ मनोज कुमार सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार, डॉ देवन चौधरी, दुर्गा प्रसाद, विमलेश पांडेय, आत्मा के पंकज कुमार सिंह आदि मौजूद थे.