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मिथिला भाषा से भाषण शुरू कर मोदी ने मन मोहा

सहरसा:हम पुण्य भूमि मिथिला में गद-गद अछि. अहां सभके प्रणाम करैक छि. मैं आरा के कार्यक्रम से आ रहा हूं. हवा का रुख साफ नजर आ रहा है. इस चुनाव में माहौल कैसा है, मौसम कैसा है, भली-भांति पता चल रहा है. भाजपा एनडीए के सरकार के लिए आंधी चल रही है, बारिश भी भींगो […]

सहरसा:हम पुण्य भूमि मिथिला में गद-गद अछि. अहां सभके प्रणाम करैक छि. मैं आरा के कार्यक्रम से आ रहा हूं. हवा का रुख साफ नजर आ रहा है. इस चुनाव में माहौल कैसा है, मौसम कैसा है,

भली-भांति पता चल रहा है. भाजपा एनडीए के सरकार के लिए आंधी चल रही है, बारिश भी भींगो नहीं पायी. ऐसा लगता है कि बिहार के लोग एक बार ठान लेते हैं, इतनी आंधी व बारिश के बाद भी वे न रुकते हैं, न थकते हैं, न झुकते हैं. कोसी अंचल को नमन. आज से 7 वर्ष पहले 18 अगस्त को कोसी में भयंकर बाढ आयी थी. बाढ में यहां के नजदीक के 7-8 जिले के 35 लाख परिवार तबाह हो गये थे.

यहां के खेत-बालू से भर गये थे. गांव विनाश के कगार पर आकर खडे हो गये. न धरती बची थी और न आसमान रुकने को तैयार था. जन-जन मुसीबत में जूझ रहा था. कोसी अंचल के अनेक परिवार गुजरात में बसे हुए हैं. मुङो उनसे जानकारी मिली. भले ही वह गुजरात से दूर हो, मगर उन्होंने बिहार की जनता के लिए चंदे एकत्र किये. इसके बाद उन्होंने वह पैसा मुख्यमंत्री राहत कोष में दान में दिया.

अहंकार के कारण चेक वापस भेज दिया
कोसी की सौगंध, किसी व्यक्ति का अहंकार, कितनी गहरी चोट पहुंचाता है. व्यक्तिगत कोई मुङो अपमानित करे, दुतकारे, अनाप-शनाप भाषा का प्रयोग करे, मैं कभी भी सार्वजनिक रूप से हरकतों को बोलता नहीं, बल्कि सह जाता हूं. अहंकार के कारण मानवीय दर्द के साथ खिलवाड़ हो. जनता के दर्द के लिये मैं रुक नहीं सकता हूं.
मैं आज कहना चाहता हूं कि 18 अगस्त को गुजरात के लोगों ने पसीने की कमायी से पांच करोड़ का चेक भेजा था. लेकिन, नीतीश जी ने उसे वापस कर दिया. उसके बाद मैं गुजरात के स्थानीय लोगों को बाढ राहत सामग्री के साथ सीधे बाढ ग्रस्त क्षेत्र में भेजा और कहा कि बिना मेरा नाम लिये जाकर राहत बांटो. क्योंकि मेरा नाम लोगे तो हंगामा खड़ा होगा. अहंकार इतना था कि आप पीड़ा, दर्द ङोलते रहे, मगर उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा. अहंकार के कारण पांच करोड़ का चेक वापस भेज दिया. सार्वजनिक कोसी अंचल के लोग मरे, मैं अहंकार नहीं छोड़ूंगा. अहंकार नहीं छोड़ने वालों को विदाई देना चाहिए. इस अहंकार ने बिहार के सपने को रौंद डाला.
जिन्होंने जेपी की जिंदगी तबाह की उसकी गोद में ही जाकर बैठ गये
जेपी नारायण को केंद्र में आपातकाल के समय गिरफ्तार किया था. उस समय कांग्रेस इंदिरा गांधी की सरकार ने उन्हें जेल में बंद किया था. वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे.
मैदान में जगह नहीं, दिल में जगह है. जयप्रकाश नारायण को आप धरती का लाल मानते हैं कि नहीं. धरती का लाल जयप्रकाश को नहीं बचा पाये. जेपी की मृत्यु के लिए ये कांग्रेस के लोगों ने खिलवाड़ किया. बिहार के लोगों ने ठान लिया है कि जेपी के साथ जुल्म करने वालों को बिहार की राजनीति से बाहर कर देगा. जयप्रकाश की आत्मा के साथ खिलवाड़ किया गया.
जिन्होंने जिंदगी तबाह की, उनकी गोद में बैठ गये. अब बिहार की राजनीति बदलाव की ओर चल पड़ी है. अब जनता उन्हें स्वीकार नहीं करने वाली, साथ नहीं देने वाली है.
उन पर आरोप लगाया जाता है कि मोदी जो कहते हैं वह करते नहीं. प्रधानमंत्री के रूप में काम का हिसाब जनता में देने आया हूं. जब जनता से नाता टूटता है, अहंकार हो जाता है. तब लोग एयरकंडीशन में बैठकर चंद पत्रकारों के सामने जहर उगलते हैं. बिहार में जंगलराज का डर सताने लगा है. इसके संकेत मिलने शुरू हो गये हैं.
पुलिस विभाग ने वेबसाइट पर बातें रखी हैं. मैं जो आपको हिसाब दे रहा हूं, वह खुद बिहार सरकार की वेबसाइट बता रहा है कि अपराध का ग्राफ निरंतर बढा है. सरकार की वेबसाइट में जनवरी 2015 में अपराध की संख्या 13808 है. गंभीर अपराध की संख्या 13808 बतायी गयी हैं. वह छह माह के भीतर 18500 हो गयी. इस तरह 24 प्रतिशत गंभीर अपराध में इजाफा हुआ है. इस तरह जनवरी तक 217 हत्याएं हुई थी, जो जून में 316 हो गयी, इसमें और दो माह का डाटा नहीं जोड़ा जा सका. इसमें भी 46 फीसदी का इजाफा हुआ है. जनवरी तक दंगे 866 हुए थे, जो जून में 1497 हो गया. यह भी 72 फीसदी हो गया. इस चुनाव में हत्या, दंगे निदरेष की जिंदगी बचाना है, तो आप सब पटना में मजबूत सरकार बिठा दीजिये. आप हमारा साथ दे दिजिये.
कोसी का समाधान नेपाल में है
अगस्त 2014 में कोसी का संकट आया. पिछले साल जब नेपाल में भूस्खलन के कारण विकराल समस्या उत्पन्न हुआ कि चट्टान के ढहते ही सारा का सारा पानी बिहार को डुबो देता तो मैंने विशेषज्ञों व जवानों को नेपाल भेजा. समस्याओं को दिल्ली में बैठकर मॉनिटर किया.इस समस्या का समाधान किया तो बिहार में एनडीआरएफ की टीम को तैनात कर लोगों के सुरक्षा को सुनिश्चित किया. आज मैं कोसी के लोगों को हिसाब देने आया हूं.
पिछले दिनों नेपाल में आया भूकंप भयंकर नुकसान कर सकता है. कोसी का समाधान नेपाल में है. पानी को लेकर नेपाल के साथ योजना नहीं बनती है. नेपाल का सुख-दुख का साथ बनना जरूरी है. बिहार से नेपाल की दूरी 70 किलोमीटर है, मगर नेपाल जाने में प्रधानमंत्री भे 17 साल लग गये. कोसी को लेकर नेपाल के साथ बातचीत की जा रही है.
चुनाव से पहले आया था तो घोषणा की थी कि दिल्ली में सरकार बनी तो बिहार को पचास हजार करोड़ का पैकेज देंगे. चुनाव से पहले वायदा किया तो सरकार बनने के बाद लोग तरह-तरह की बातें करने लगे. पिछली सरकार में कोई घोषणा नहीं हुई तो विपक्षी पैकेज की बातें करने लगे. मगर मैने सभा में कहा था कि पार्लियामेंट चल रही है, उसके नियम है. मयार्दा को तोड़ा नहीं जा सकता है. चार दिन पहले संसद सत्र खत्म हुआ.
आरा में घोषणा किया कि नया बिहार बनाने के लिये सवा लाख करोड़ का पैकेज देंगे. इससे बिहार भ शक्ल व सूरत बदल दूंगा. जब अटल जी की सरकार थी तो दस हजार करोड़ दिये गये थे. यह दस हजार करोड़ भी सरकार खर्च नहीं कर पायी. दो साल पहले राजनीतिक तूफान आया. जनता के साथ धोखा किया गया. कहा गया कि दिल्ली वाले पैकेज दो, हम साथ दे देंगे. 2013-14 में 12 हजार करोड़ से कोई खर्च नहीं हुआ. 2014 में सरकार बनने के बाद चार हजार करोड़ खर्चा हुआ है.
अभी भी 8000 करोड़ बचा हुआ है. बिहार को बिजली के लिये 40 हजार करोड़ रुपये दिया गया. यह विशेष पैकेज से अलग है. इस तरह बिहार भे एक लाख 65 हजार करोड़ दिया गया. इन पैसों से रास्ते, बिजली, खेत में पानी, रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
आपकी भलाई के लिए जी-जान लगा देंगे
चुनाव का डेट जब भी आ जाय, हम आपकी भलाई के लिये जी-जान लगा देंगे. बिहार की जनता का भाग्य बदल देंगे. केंद्र में जब आप लोगों ने सता सौंपा तो मैने सबसे पहले गंगा को प्रदूषण मुक्त और बेसीन के विकास के लिये गंगा विकास मंत्रलय का गठन किया.
आज यह मंत्रलय जोड़ शोर से काम में लगे हुए हैं. यदि आप लोग बिहार की कमान एनडीएको सौंपते हैं तो केंद्र की तर्ज पर बिहार में कोसी विकास मंत्रलय का गठन होगा, वहीं कृषि मंत्रलय को विस्तारित कर किसान कल्याण मंत्रलय की नींव रखी जायेगी.

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