सहरसा : अपनी मांगों को लेकर नगर परिषद में कार्य कर रहे सफाई कर्मियों ने मंगलवार को कार्यपालक पदाधिकारी के वेश्म के आगे जम कर हंगामा किया. अध्यक्ष विष्णुदेव वाल्मीकि के नेतृत्व में सफाई कर्मी विगत वर्ष नवंबर में किये गये समझौता को अविलंब लागू करवाने की मांग कर रहे थे.
अध्यक्ष श्री वाल्मीकि ने बताया कि नगर परिषद के सभापति राजू महतो व नगर प्रबंधक के द्वारा सेवानिवृत्त सफाई कर्मियों का ग्रेच्युटी भविष्य निधि का भुगतान, पंचम वेतन का बकाया राशि का अंतर वेतन का भुगतान, मृत कर्मियों को अनुदान के आधार पर नियुक्ति करने, सफाई कर्मियों को सफाई जमादार के पद पर पदोन्नति, वर्ष 2008 से 2012 तक का एरियर का भुगतान, सूरज राउत एवं रामवती देवी की गायब सेवा पुस्तिका बरामद करने के लिए तत्कालीन प्रधान सहायक पर कार्रवाई करने, सेवा पुस्तिका में मनमाने ढंग से जन्मतिथि का हेरा फेरी करने वाले कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने सहित अन्य समझौता किया गया था. लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
उन्होंने कहा कि कार्यपालक पदाधिकारी के तानाशाही रवैया के कारण नप में कार्यरत कर्मियों को कोई फायदा नहीं हो पा रहा है. कर्मियों के कड़े रुख को देख कार्यपालक पदाधिकारी ने पुलिस को सूचना दी. सदर थाना से पहुंचे प्रअनि अनमोल कुमार, संजीव कुमार, नागेंद्र राम, सअनि शाहिद खां सहित पुलिस बलों ने कर्मियों को शांत कर कार्यपालक पदाधिकारी से वार्ता करवायी. इधर नप के उप सभापति रंजना सिंह व वार्ड पार्षद मिथिलेश झा ने कर्मियों की मांग को जायज ठहराया और वरीय पदाधिकारियों से उचित कार्रवाई की मांग की.
मौके पर श्री आनंदी राम, विष्णु मलिक, शांति देवी, राज कुमारी देवी, सीताराम मलिक, नारायण सादा, कपिल मलिक, ओम प्रकाश वाल्मीकि, लाल वाल्मीकि, रामचंद्र मलिक सहित अन्य मौजूद थे. नगर परिषद की उप सभापति रंजना सिंह ने बताया कि सफाई कर्मियों द्वारा कहा गया कि हम इतने दिन से काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक हमें स्थायी नहीं किया गया है, जबकि सात अन्य कर्मियों को स्थायी कर दिया गया है.
जिस पर कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा उनलोगों का वेतन रोके जाने की बात बतायी गयी. उपसभापति ने कहा कि नगर परिषद भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा है. काम करने वालों की पूछ नहीं होती. यहीं कारण था कि योजनाओं को लेकर मंगलवार को आयोजित बैठक में आठ सदस्य तक नहीं पहुंच पाये.